कानपुर के बिकरू कांड के आरोपी कुख्यात विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है. हाईकोर्ट ने खुशी दुबे की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. जस्टिस जे जे मुनीर की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आठ पुलिसकर्मियों की हत्या साधारण नहीं, बल्कि जघन्य अपराध था. कोर्ट ने ये भी कहा कि खुशी दुबे अपने बचाव में कोई ठोस दलील नहीं पेश कर सकी है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्त टिप्पणी भी की. अदालत ने कहा कि बिकरू कांड की घटना समाज की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली है. खुशी को जमानत देना कानून में विश्वास रखने वालों को हिलाकर रख देने जैसा कदम होगा.
बता दें कि चार्जशीट में आरोप कि खुशी ने भी बिकरू कांड को अंजाम देने की साजिश में सक्रिय होकर अहम भूमिका निभाई है. खुशी ने खुद के बेगुनाह होने और जेल में सेहत खराब होने का हवाला देकर जमानत पर रिहा किए जाने की अपील की थी. जमानत की अर्जी जनवरी में ही दाखिल कर दी गई थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सुनवाई नहीं हो सकी थी. खुशी दुबे बिकरू कांड को लेकर हुए एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी है. बिकरू कांड के हफ्ते भर पहले ही दोनों की शादी हुई थी.