उत्तर प्रदेस में कानपुर के मूलगंज थाना क्षेत्र के हटिया बर्तन बाजार में गुरुवार रात चार मंजिला मकान का आधे से अधिक हिस्सा ढह गया जिसमें दबकर मां-बेटी की मौत हो गई। सीओ कोतवाली राजेश कुमार पांडेय ने इस मामले की पुष्टि की है। पुलिस सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि हटिया बर्तन बाजार में बारिश के चलते बीती देर रात तीन मंजिला मकान अचानक ढह गया। इस हादसे में मकान में रहने वाले महिला मीना (50) और बेटी प्रीति (18) मलबे में दब गयी। सूचना मिलने के बाद डीआईजी समेत आलाधिकारी मौके पर पहुच कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कई लोगों को पुलिस ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया लेकिन मलबे में बुरी तरीके से दबी मां बेटी को निकालने में देरी हुयी।
मकान में मौजूद सभी लोग बाहर भागे लेकिन मीना और प्रीति उसी में रह गए। तब तक मकान का आधे से अधिक हिस्सा ढह गया। मां-बेटी मलबे में दब गए थे। सूचना पर पुलिस, दमकल, नगर निगम की टीमें पहुंच राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। डीएम डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी, डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह समेत अन्य अफसर पहुंचे।
बता दें कि मकान ढहने की आवाज इलाके में गूंजी। हर तरफ गलियों से सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गए। लोग चीख पुकार रहे थे। मीना के बेटे और अन्य परिजन भी चीख-चीख कर रो रहे थे लेकिन मलबा इतना था कि कोई कुछ नहीं कर पा रहा था। लोग और पुलिस प्रशासन चाह कर भी तुरंत कुछ मदद नहीं कर पा रहे थे।
बताते चलें कि मीना और उनके तीनों बच्चे घर पर ही थे। मकान गिरने से ठीक कुछ देर पहले राहुल घर से दूध लेने निकला था। जब मकान दरकने लगा तो रिंकू और अन्य परिजन भी भाग कर बाहर निकल गए। मगर मीना और प्रीति सही समय पर बाहर नहीं निकल सके। इसलिए वो फंस गए। वहीं डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि राहत बचाव कार्य जारी है। सेना भी लगी है। एसडीआरएफ की टीम भी लगाई गई है।
उन्होने बताया कि मां बेटी को मलबे से बाहर निकालकर इलाज के लिए हैलट अस्पताल भेजा जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई है। मलबे में तब्दील हुआ मकान 100 साल पुराना बताया जा रहा है।