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बाबरी मस्जिद केस का फैसला सुनाने वाले जज को सीएम योगी ने दिया ये बड़ा पद

बीते सोमवार को रिटायर्ड जस्टिस सुरेंद्र कुमार यादव को उप लोकायुक्त के पद की शपथ लोकायुक्त जस्टिस संजय मिश्रा द्वारा दिलाई गयी है। मूल रुप से सुरेंद्र जौनपुर से संबंध रखते है, अर्थात वो जौनपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा दीक्षा वाराणसी से पूरी की है। 30 सितबंर 2019 को सुरेंद्र यादव जिला जज लखनऊ के पद से रिटायर हो गए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उन्होंने राम जन्मभूमि व विवादित ढांचे को निर्णीत करने के लिए 30 सितंबर 2020 तक सीबीआई अयोध्या प्रकरण के रूप में काम किया था।

अपने रिटायरमेंट से ठीक पहले ही 30 सितंबर 2020 को उन्होंने इस मामले में अपना फैसला सुनाया था। प्रदेश सरकार ने अब उनको उप लोकायुक्त का पद दे दिया है। पहले  से ही प्रदेश में दो उप लोकायुक्त  कार्यरत हैं। इस लोकायुक्त कार्यालय में जो कार्यक्रम संपन्न हुआ उसमें अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी भी वहां मौजूद रहे।

उन्होंने सीबीआई कोर्ट के जज रह कर बाबरी केस में उमा भारती,लाल कृष्ण आडवाणी, एमएम जोशी और कल्याण सिंह जैसे बड़े नामी लोगों  को बरी कर दिया था। छह अप्रैल को सुरेंद्र कुमार यादव को यूपी के तीसरे उप लोकायुक्त के रूप में नियुक्त किये गये और सोमवार को उन्होनें इस पद की शपथ ली और इसका कार्यभार संभाला।

भ्रष्टाचार के विरोध में कार्रवाई के लिए बनाए गए इस पर एक लोकायुक्त और तीन उप-लोकायुक्त होते हैं। यादव के अतिरिक्त यहां पर दो अन्य उप लोकायुक्त शंभु सिंह 4 अगस्त 2016 में और दिनेश कुमार सिंह 6 जून 2020 में ही नियुक्त किये गए थे। उप लोकायुक्त के पद का कार्यकाल आठ साल का होता है।

एक गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि से लोकायुक्त का संबंध होता है और ये वैधानिक तौर पर सरकारी अव्यवस्था सरकारी भ्रष्टाचार,  या शक्तियों के गलत प्रयोग के मामलों को देखता है।