पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद ममता बनर्जी की नई सरकार बन चुकी है लेकिन हिंसा का दौर अभी चल रहा है। चुनावी रंजिश खत्म नहीं हो रही है। जलपाईगुड़ी से बीजेपी सांसद डॉ. जयंत रॉय पर राजगंज में हमला हुआ है। रॉय ने हमले का आरोप टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर लगाया है। जयंत ने कहा कि बंगाल में फांसीवाद चरम पर है। आज मेरे और पार्टी के कार्यकर्ताओं पर टीएमसी के गुंडों ने राजगंज में हमला कर दिया। हमले में सांसद को हल्की चोट आई है जबकि दो बीजेपी समर्थक गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हमले के बाद टीएमसी के जिलाध्यक्ष के किशन कुमार कल्याणी ने आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि इसमे टीएमसी से कोई मतलब नहीं है। बीजेपी के आपसी झगड़े के चलते हुआ है। जलपाईगुड़ी जिले के राजगंज ब्लॉक में यह घटना हुई जो सिलिगुड़ी पुलिस के क्षेत्र में आता है।
बताया जा रहा है कि हमला उस समय हुआ जब जयंत हिंसा के डर से घर छोड़ चुके बीजेपी कार्यकर्ताओं की घर वापसी में मदद कर रहे थे। इस मामले पर शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि जयंत रॉय और चार कार्यकर्ताओं पर टीएमसी के गुंडों ने हमला कर दिया है। चुनाव के बाद बंगाल में हो रही हिंसा के चलते इन लोगों ने अपना घर छोड़ दिया था। घायलों को नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया है।
हमले की गूंज अब राजनीति का रूप ले चुकी है। बीजेपी नेता और इंग्लिशबाजार से विधायक श्रीरूपा मित्रा चैधरी ने कहा कि एक सांसद जो एक डॉक्टर भी और मेडिकल कॉलेज का प्रोफेसर भी, उसे भी नहीं छोड़ा जा रहा है। हिंसा भड़काने का मंत्र दिया गया है। हम एकजुट रहेंगे तो ही मजबूती से खड़े रहेंगे। दार्जिलिंग से सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू बिस्ता ने कहा कि बंगाल को अब सिर्फ राष्ट्रपति शासन ही बचा सकता है। उन्होंने कहा कि टीएमसी बंगाल में जो कर रही है वो युद्ध छेड़ने जैसा है। अगर सांसद के साथ ऐसा हमला हो सकता है तो फिर आम आदमी की सुरक्षा मुश्किल है।