उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आजकल फुल फॉर्म में नजर आ रहें हैं। उनका डंडा लगातार पूर्व सांसद अतीक अहमद पर चलता जा रहा है। अब ख़बर है कि अतीक का किलेनुमा मकान, कार्यालय, कॉम्पलेक्स तोड़ने के बाद अब योगी सरकार इन सभी कामों को अंजाम तक पहुंचाने वाले कर्मचारियों, अधिकारियों और मजदूरों को उनका मेहनाताना मिल सके। इसके लिए अब योगी सरकार ने अतीक अहमद को फरमान जारी करते हुए साफ कर दिया है कि ध्वस्तिकरण की कार्रवाई का खर्च अतीक अहमद को वहन करना होगा। इतना ही नहीं, अगर योगी सरकार के इस फरमान की नाफरमानी करने की जुर्रत अतीक अहमद करता है तो उसके खिलाफ शासन की तरफ से आरसी जारी की जाएगी।
यहां पर हम आपको बताते चले कि अतीक अहमद के मकान को ध्वस्त करने के लिए 70 से अधिक मजदूरों को लगाया गया था। ध्वस्तिकरण की इस कार्रवाई में पुलिस प्रशासन सहित जिला प्रशासन भी शामिल रहा था। प्रयागराज विकास प्राधिकरण का दल, पुलिस दल, प्रवर्तन निदेशालय के दल इसमें शामिल हुए थे। इस प्रत्येक कार्रवाई में जेसीबी का इस्तेमाल भी किया गया था, जिसका खर्चा भी सूबे की सरकार अतीक से अहमद से ही वसूलेगी। अधिकारियों से लेकर मजदूरों को वेतन देने के लिए योगी सरकार ने अब बकायदा फरमान जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि महज एक माह के दौरान ध्वस्तिकरण की प्रक्रिया में हुए खर्च का पूरा ब्योरा एक सप्ताह के दरम्यिान तैयार कर लिया जाएगा।
यहां जानें क्या-क्या कर दिया ध्वस्त
..तो यहां पर फिर हम आपको तफसील से बातते चले कि बीते दिनों योगी सरकार के आदेशानुसार प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने पूर्व सांसद अतीक अहमद के किलेनुमा मकान को अवैध निर्माण का हवाला देते हुए ध्वस्त कर दिया था। सांसद के समर्थक भी वहां मौजूद थे, लेकिन इतनी भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की संख्या को मद्देनजर रखते हुए किसी की हिम्मत नहीं हुई कि वो विरोध करने की जहमत उठा सके। हालांकि, उनका पूरा इरादा था कि वे पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करें, लेकिन उनकी एक भी चल न सकी।
बता दें कि महज साढ़े पांच घंटे की कार्रवाई के दौरान अतीक अहमद के मकान सहित अन्य चीजों को ध्वस्त कर दिया गया है। इस संदर्भ मे अधिक जानकारी देते हुए प्रयागराज विकास प्राधिकरण के सचिव ने कहा कि ध्वस्तिकरण की यह कार्रवाई इसलिए की गई, क्योंकि यहां पर 4 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा कर अवैध निर्माण करवाया गया था। लेकिन सबकुछ जमींदोज होने के बावजूद भी योगी सरकार की यह कार्रवाई अभी नहीं थमी है। फिलहाल तो यह कहना मुश्किल है कि आगे यह कार्रवाई कहां तक का सफर तय करती है।