पेगासस जासूसी विवाद पर केंद्र और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है. इस दौरान संसद का मानसून सत्र खत्म होने की कगार पर है. इस बाबत विपक्षी दल मंगलवार यानी कल सुबह 10 बजे कांग्रेस के राहुल गांधी के नेतृत्व में बैठक करेंगे. विपक्षी दल सरकार पर उनकी बात को जनता तक नहीं पहुंचने देने और केवल विधेयक दर विधेयक पास करने का आरोप लगाते हुए परिसर के बाहर एक अपनी ‘संसद’ आयोजित करने पर विचार कर रहे हैं. विपक्ष का कहना है कि पेगासस राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है जिस पर सरकार को स्पष्ट बात करनी होगी. बता दें 19 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से, विपक्ष के विरोध और पेगासस और किसानों के मुद्दे पर पर चर्चा की मांगों के कारण संसद मुश्किल से ही चल पाई है.
‘संसद निर्धारित समय का 17 प्रतिशत चली, 133 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ’
गौरतलब है कि पेगासस जासूसी मामला और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद में चल रहे गतिरोध के बीच सरकारी सूत्रों ने शनिवार को कहा कि अब तक संसद की कार्यवाही कुल निर्धारित 107 घंटे में से सिर्फ 18 घंटे ही चल पाई. इस व्यवधान से करदाताओं के 133 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. सूत्रों ने बताया कि 19 जुलाई से आरंभ हुए संसद के मानसून सत्र में अब तक करीब 89 घंटे हंगामें की भेंट चढ़ चुके हैं. मौजूदा सत्र 13 अगस्त तक चलना है. आधिकारिक सूत्रों की ओर से साझा किए गए विवरण के अनुसार, राज्यसभा की कार्यवाही तय समय का सिर्फ करीब 21 प्रतिशत ही चल सकी तो लोकसभा की कार्यवाही तय समय का 13 प्रतिशत ही चल पाई.
उन्होंने कहा, ‘लोकसभा को 54 घंटों में से सात घंटे से भी कम चलने दिया गया. राज्ययभा को 53 घंटों की अवधि में से 11 घंटे ही चलने दिया गया है. संसद अब तक 107 घंटे के निर्धारित समय में से सिर्फ 18 घंटे (16.8 प्रतिशत) ही चल पाई है.’ सूत्रों ने यह भी बताया कि इस व्यवधान से सरकारी खजाने को 133 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है.
पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. उन्नीस जुलाई से मानसून सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही लगभग बाधित रही है. विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस मांग को खारिज करते हुए शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है.