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‘पेगासस प्रोजेक्‍ट’ पर बीजेपी से नाराज चल रहे राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दी तीखी प्रतिक्रिया

देश में पेगासस फोन हैक की खबरें तेजी से फैल रही है। जिसके कारण देश की राजनीति काफी गर्म है। फ्रांस की संस्था Forbidden Stories और एमनेस्टी इंटरनेशनल के साथ मिलकर ये खुलासा किया है।

अब इस पूरे मामले में राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि संसद में गृह मंत्री को बताना चाहिए कि सरकार का उस इजरायली कंपनी से किसी तरह का कोई लेना-देना नहीं है जिसने हमारे टेलीफोन टेप किए हैं।

ऐसा नहीं हुआ तो वॉटरगेट की तरह ही सारी सच्चाई सामने आएगी और हलाल के रास्ते बीजेपी को हानि पहुंचाएगी।

बता दें कि अमेरिका के वॉटरगेट हॉटेल कॉम्प्लेक्स में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेशनल कमेटी का ऑफिस है। इस कॉम्पलेक्स में साल 1969 में अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने एक रिकॉर्डिंग डिवाइस लगवा दी थी। जिससे कि उनके विरोधी उनके बारे में कब क्या कर रहे हैं उसकी जानकारी उन्हें मिल सके।

इसके बाद ही इस मामले में एक के बाद बहुत से एक रिपब्लिकन नेताओं का नाम सामने आया था। दुनिया भर में उनकी इस काम के लिए काफी भी बदनामी हुई थी।

पेगसस फोन हैक के बारे में फ्रांस की संस्था फॉरबिडन स्टोरीज और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक साथ मिलकर बहुत सी जानकारी निकाली हैं, जिसके बाद चुनिंदा मीडिया संस्थानों द्वारा शेयर की गयी है।

इस जांच पड़ताल को ‘पेगासस प्रोजेक्ट’ का नाम दिया गया है। इस लिस्ट में 1500 से ज्यादा नाम मिले हैं। पेगासस स्पाइवेयर का नाम द वॉशिंगटन पोस्ट के कॉलमनिस्ट जमाल खशोगी की हत्या में सामने आया था।

ज्ञात हो कि कई देशों के मीडिया संस्थाओं ने भी खुलासा किया है कि इजरायली कंपनी NSO के स्पाईवेयर पेगासस के माध्यम से दुनिया भर की सरकारें पत्रकारों, कानून के क्षेत्र से जुड़े लोगों, नेताओं और इतना ही नहीं नेताओं के रिश्तेदारों तक की जासूसी करा रही है। एक खबर के अनुसार भारत में मंत्रियों, जजों, पत्रकारों व संघ नेताओं की इसके जरिए जासूसी हुई हैं।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार स्पाईवेयर का प्रयोग केवल सरकारें ही कर सकती हैं। भारत सरकार ने इन आरोपो से साफ इनकार किया है। बताते चलें कि दिसंबर 2020 में अल जजीरा के कई पत्रकारों पर पेगासस के द्वारा ही जासूसी करने की खबर आई थी। जिसमें मेक्सिको इसका पहला क्लाइंट था।