हर देश में चुनाव की अलग अलग प्रक्रिया होती है. जैसे भारत में सांसद चुनकर तो अमेरिका में अलग तरीके से सरकार का चयन होता है. इनमें कॉमन बात ये होती है कि चुनाव या तो बैलेट पेपर से होता है या फिर वोटिंग मशीन के जरिए अपना उम्मीदवार चुना जाता है. लेकिन, वेस्ट अफ्रीकन कंट्री गांबिया में कुछ अलग ही व्यवस्था है और वहां चुनाव के लिए ना तो बैलेट पेपर का इस्तेमाल होता है और ना ही वोटिंग मशीन का. वहां वोट डालने की अलग ही व्यवस्था है और कंचों के जरिए चुनाव किया जाता है.
ऐसे में जानते हैं कि गांबिया में आखिर किस तरह चुनाव होता है और किस तरह से उम्मीदवारों का चुनाव होता है. चुनाव में कंचों का किस तरह से इस्तेमाल होता है और किस तरह वोट डालते हैं और फिर कंचों को किस तरह गिनकर उम्मीदवारों का चयन किया जाता है. जानते हैं गांबिया में होने वाले इन खास चुनावों की खास बात…
गांबिया में कैसे होता है चुनाव?
गांबिया में कंचों से होने वाले चुनाव के बारे में जानने से पहले जानते हैं कि आखिर वहां उम्मीदवार का कैसे चुनाव होता है. वैसे तो हाल ही में 4 दिसंबर को गांबिया में चुनाव हुए थे और चुनाव से पहले ही कह दिया गया था कि चुनाव में कंचों का ही इस्तेमाल होगा और कंचों के जरिए वोट डाले जाएंगे. वहां सिंगल राउंड में वोटिंग होती है और चुनाव के जरिए राष्ट्रपति का चुनाव होता है, जो कि पांच साल के लिए चुना जाता है.
जिन लोगों को वोट डालने होते हैं, उनके लिए भारत की तरह पोलिंग स्टेशन बनाए जाते हैं, जहां अधिकारियों की जरिए चुनाव प्रक्रिया पूरी की जाती है. वोट देने के बाद वहां भी उंगुली पर निशान लगाया जाता है. लेकिन बैलेट पेपर और वोटिंग मशीन के स्थान पर वहां मार्बल्स यानी कंचों का इस्तेमाल किया जाता है.
क्या है चुनाव की प्रक्रिया?
जब कोई व्यक्ति वोट देने जाता है तो बैलेट पेपर की तरह उन्हें एक गोली या कंचा दिया जाता है. इसके बाद हर उम्मीदवार का वहां ड्रम पड़ होता है, जो अलग अलग रंग का होता है. इसके लिए हर ड्रम पर उम्मीदवार का नाम लिखा होता है, व्यक्ति जिस उम्मीदवार को वोट देना चाहता है, उसके ड्रम में वो कंचा डाल देता है. उस ड्रम को अलग तरह से डिजाइन किया जाता है, जिसमें ड्रम पूरी तरह से पैक होता है, लेकिन ऊपर एक ट्यूब की तरह नली होती है, जिसमें से कंचों को अंदर डाला जाता है.
कैसे होती है गिनती?
जब वोटों की गिनती करनी होती है, तो हर ड्रम को मत पेटी की तरह खोला जाता है. इसके बाद ड्रम में पड़े कंचों को दिना जाता है और जितने कंचे होते हैं, वो बताते हैं कि कितने वोट पड़े. इन्हें गिनने के लिए एक खास तरह की ट्रे होती है, जिसमें कंचों की शेप के सांचे बने होते हैं, जिसमें कंचों को फिट किया जाता है. उसके बाद उस ट्रे से कंचों की गिनती की जाती है और कंचों को वोट के तौर पर गिना जाता है. यह चुनावी व्यवस्था काफी अलग है, जो गांबिया में की जाती है.
बता दें कि इस तरह की चुनाव व्यवस्था 1965 में अंग्रेजों ने ही लागू की थी, जो अभी तक चली आ रही है. अब यहां के लोग भी इस व्यवस्था से आदि हो चुके हैं और वो इसी तरह से चुनाव करना चाहते हैं.