रिपोर्ट- गौरव सिंघल, विशेष संवाददाता, दैनिक संवाद, सहारनपुर मंडल,उप्र:।।
सहारनपुर (दैनिक संवाद न्यूज)। सहारनपुर की नदियां लगातार प्रदूषित होती जा रही हैं। नमामी गंगे योजना के अंतर्गत नगर में 135 एमएलडी के जल शोधन संयंत्र का काम पांच साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया है। सहारनपुर नगर का 182500 मिलियन लीटर प्रदूषित पानी नदियों में गिर रहा है। नगर से रोजाना 135 से 140 मिलियन लीटर प्रदूषित पानी निकलता है जो सीवर और नालों के जरिए पांवधोई नदी एवं ढमोला नदी में गिरता है और इन दोनों नदियों का प्रदूषित पानी पहले हिंडन नदी में गिरता हैं और हिंडन नदी यमुना को प्रदूषित करती है। मल्लीपुर में 28 एमएलडी का एसटीपी हैं। जो 135 मिलियन लीटर पानी में से केवल 28 मिलियन लीटर पानी को ही साफ कर पाता हैं। बाकी सौ लीटर मिलियन प्रदूषित पानी नदियों को प्रदूषित कर रहा है। नमामी गंगे योजना के अंतर्गत वर्ष 2019 में सहारनपुर में 135 मिलियन लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगना था। जिस पर अभी काम ही शुरू नहीं हो पाया।
अधिशासी अभियंता संजीत कटियार कहते हैं कि इस एसटीपी के लिए विश्व बैंक से धनराशि मिलनी है। 40 फीसद रकम सरकार देगी और 60 फीसद रकम फर्म खर्च करेगी। इसके लिए अभी जमीन भी उपलब्ध नहीं हो पाई है। कटियार का कहना है कि चुनाव आचार संहिता हटने के बाद काम की नीलामी प्रक्रिया पूरी होगी। 135 एमएलडी एसटीपी की परियोजना पर 597 करोड़ रूपए का खर्च आएगा। इस संयंत्र के शुरू हो जाने के बाद उससे निकला पानी सिंचाई के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकेगा अथवा ढमोला नदी में भी छोड़ा जा सकता है।