Breaking News

देश में जल्द ही छह और निजी कंपनियां बेचेंगी पेट्रोल-डीजल, अभी सरकारी कंपनियों का कब्जा

देश के ईंधन बाजार में छह और निजी कंपनियां दस्तक देने की तैयारी में है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही इन कंपनियों को सरकार से पेट्रोल-डजील बेचने की अनुमति मिल सकती है। सूत्रों के मुताबिक, जिन कंपनियां को पेट्रोल-डीजल बेचने की अनुमति मिलने वाली है उनके नाम हैं आईएमसी , ऑनसाइट एनर्जी, असम गैस कंपनी, एमके एग्रोटेक, आरबीएमएल सॉल्यूशंस इंडिया, मानस एग्रो इंडस्ट्रीज और इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड। इन कंपनियों द्वारा प्रचालन शुरू करने के बाद ईंधन बाजार में कुल 14 कंपनियां काम करने लगेंगी।

उपभोक्तओं को फायदा होगा

इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि साल 2019 में संशोधित मार्केट ट्रांसपोर्टेशन फ्यूल्स नियमों के आधार पर निजी कंपनियों को ईंधन बाजार में कारोबार करने की अनुमति दी गई है। उम्मीद है कि इससे पेट्रोलियम रिटेल बिजनेस में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे उपभोक्तओं को फायदा होगा। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक, नए लाइसेंस उन कंपनियों को दिए गए थे, जिनकी न्यूनतम नेटवर्थ 250 करोड़ रुपये थी। साथ ही कंपनियों को 2000 करोड़ रुपये के निवेश से इसकी शुरुआत करनी होगी। साल 2019 के नियमों के मुताबिक लाइसेंस मिलने के 5 साल के अंदर कंपनियों को कम से कम 100 रिटेल आउटलेट्स तैयार करने होंगे, जिसमें से 5 फीसदी दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में होने चाहिए।

Petrol Price Today: सस्ता हुआ पेट्रोल-डीजल, ऐसे चेक करें अपने शहर में आज के रेट सस्ता हुआ पेट्रोल-डीजल, ऐसे चेक करें अपने शहर में आज के रेट सरकारी कंपनियों का अभी बाजार पर कब्जा ईंधन बाजार पर मौजूदा समय में देश की सरकारी कंपनियों का कब्जा है। श में अभी 90 फीसी पेट्रोल पंप के कारोबार पर सरकार कंपनियों का कब्जा है, बाकी आरआईएल और नायरा इएर्जी और शेल के पास है। इन कंपनियों के आने से बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और ग्रामीण इलाकों में पेट्रेाल पंप के जरिये ईंधन की आपूर्ति संभव हो पाएगी।

देश में किस कंपनी के कितने पेट्रोल पंप

आईओसी 32,062

बीपीसीएल 18,637

एचपीसीएल 18,634

आरआईएल/आरबीएमएल 1,420

एनईएल 6,059

शेल 264

अन्य 18

कुल 77,094

कीमत तय करने को लेकर संशय

एक निजी कंपनी के अधिकारी ने पहचान गुप्त रखने के शर्त पर बताया कि छह निजी कंपनियों की बाजार में एंट्री के साथ कुल 14 कंपनियां पेट्रोल-डीजल बेचना शुरू कर देंगी। हालांकि, अभी भी कीमत तय करने की रणनीति को लेकर निजी कंपनियों में संशय की स्थिति है। ऐसा इसलिए कि निजी कंपिनयों को 15 दिन के औसत के आधार पर कीमत अभी भी तय करनी होती है। इससे कंपनियों को कीमत निर्धारण करने में आगे भी परेशानी आएगी।