चीन (China) के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी (Security Officer) ने पिछले हफ्ते तिब्बत (Tibetan) की यात्रा के दौरान स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह अलगाववादियों (separatists) के खिलाफ कार्रवाई को और सख्त करें। यह निर्देश उस पृष्ठभूमि में दिया गया जिसके तहत अमेरिका एक नया कानून पारित करके तिब्बत के प्रति अपना समर्थन बढ़ाने के साथ बीजिंग पर दलाई लामा के साथ बातचीत करने का दबाव डाल रहा है। तिब्बत में पिछले कुछ महीनों में चीन विरोधी प्रदर्शन हुए हैं। इसके विरोध में चीनी पुलिस ने सैकड़ों तिब्बतियों को गिरफ्तार भी किया है।
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष सुरक्षा निकाय ‘केंद्रीय राजनीतिक और कानूनी मामलों के आयोग’ के प्रमुख चेन वेनकिंग ने पिछले सप्ताह तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) और युन्नान, सिचुआन, गांसु और किंघई में 10 तिब्बती स्वायत्त प्रान्तों में से कुछ का दौरा करके सुरक्षा की समीक्षा की थी। उन्होंने अलगाववादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
हांगकांग स्थित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ की खबर में सोमवार को बताया गया कि उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से स्थिरता बनाए रखने और स्वतंत्रता गतिविधियों के प्रति सावधान रहने के लिए कहा। उनकी यात्रा ऐसे समय में हुई है जब चीन एक अक्टूबर को पीपुल्स रिपब्लिक की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ से पहले तिब्बत में सुरक्षा कड़ी कर रहा है। चीन के शीर्ष न्यायाधीशों और अभियोजकों ने भी तिब्बत का दौरा किया है।
पोस्ट की खबर के अनुसार ‘सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट’ के अध्यक्ष झांग जून ने पिछले सप्ताह तिब्बती अदालतों का दौरा किया और कहा कि हिंसक, आतंकवादी, जातीय अलगाववादी और अन्य गंभीर आपराधिक अपराधों पर काबू पाने के लिए कड़ी सजा देना आवश्यक है। अमेरिका ने जुलाई में ‘रिजॉल्व तिब्बत अधिनियम’ पारित किया जो तिब्बत के लिए उसके समर्थन को बढ़ाता है और सुदूर हिमालय क्षेत्र की स्थिति और शासन पर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में चीन और दलाई लामा के बीच बातचीत को बढ़ावा देता है। चीन ने इस अधिनियम का विरोध करते हुए इसे अस्थिर करने वाला कानून बताया है।