पूरी दुनिया उत्तर कोरिया (North Korea) और उसके तानाशाह किम जोंग उन को सिर्फ कड़े प्रतिबंधों और सनक के लिए जानती है. अब किम की सनक का शिकार हुई है सोशल मीडिया (Social Media) पर इस्तेमाल होने वाली भाषा. किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल होने वाली शॉर्टकट भाषा (Shortcut Language) पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया है. नॉर्थ कोरिया में ये आदेश किसी लोकतांत्रिक देश की तरह तो लागू होगा नहीं. अधिकारियों को खुली छूट दी गई है कि वो किसी का भी फोन छीनकर उसकी जांच कर सकते हैं. ऐसे में अगर कोई शॉर्टकट भाषा का इस्तेमाल करते हुए पाया गया तो उसे लेबर कैंप में भेज दिया जाएगा और उससे जबरन मजदूरी करवाई जाएगी.
अब आप किम के इस फैसले के पीछे का कारण जानना चाहते होंगे. तो बता दें कि तानाशाह को ऐसा लगता है कि सोशल मीडिया पर शॉर्टकट भाषा का इस्तेमाल करने से देश के युवाओं की भाषा खराब हो रही है. किन ने इसके पीछे साउथ कोरिया को जिम्मेदार ठहराया है. किम जोंग ने आरोप लगाया कि शॉर्टकट भाषा के शब्द साउथ कोरिया में बनाए जा रहे हैं, जहां से सीखकर उत्तरी कोरिया के युवा इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. मोबाइल पर रखनी है नजर किम जोंग के आदेश के बाद इस कानून को दिसंबर में लागू कर दिया गया था. देश के तानाशाह के अधिकारी किसी भी फोन को जब्त कर सोशल मीडिया पर शॉर्टकट भाषा के इस्तेमाल के संबंध में जांच कर सकते हैं. दोषी पाए जाने पर लेबर कैंप भेजने की सजा का प्रावधान है. जापान की एक मैग्जीन के मुताबिक इस आदेश के बहाने किम जोंग लोगों के मोबाइलों की निगरानी करना चाहते हैं. सोशल मीडिया पर नॉर्थ कोरिया के युवा साउथ कोरिया के शब्दों और शैली का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसी बात से किम जोंग का पारा चढ़ा हुआ है क्योंकि उत्तर कोरिया में अब ज्यादातर लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं.