धनबाद के राजगंज में अपने प्रेमी के घर के आगे खुले आसमान के नीचे कड़ाके की ठंड में करीब 60 घंटे तक धरना देने वाली युवती की जिद के आगे आखिरकार जमाने को झुकना पड़ा। प्यार और तकरार की इस कहानी का क्लाईमेक्स रविवार को तब सुखांत में तब्दील हुआ, जब युवती और युवक के परिवारवालों की रजामंदी से दोनों की शादी रचा दी गई। राजगंज थाना क्षेत्र ईस्ट बसूरिया की रहने वाली निशा और महेशपुर गांव के उत्तम के बीच चार साल से मोहब्बत थी। निशा धनबाद के एसएसएलएनटी कॉलेज में पढ़ती थी, तभी दोनों एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। इस बात की जानकारी दोनों के परिवार वालों को भी थी। उत्तम ने निशा से शादी का वादा किया था। दोनों एक-दूसरे के परिजनों के घर भी एक साथ कई बार गये हैं। दोनों परिवारों के बीच शादी पर सहमति भी बन गई थी और इसकी तारीख भी तय हो गई।
लेकिन तय तारीख से 20 दिन पहले उत्तम ने शादी से इनकार कर दिया। जब युवती को कोई रास्ता नहीं दिखा तो वह अपनी दादी और अन्य रिश्तेदारों के साथ अपने प्रेमी के गांव महेशपुर पहुंची और युवक के घर के बाहर बैठ गई। इसके बाद उत्तम फरार हो गया और उसके घरवालों ने घर का दरवाजा बंद कर लिया। कड़ाके की ठंड में निशा उसके घर के आगे लगभग 60 घंटे तक धरने पर बैठी रही। निशा की जिद थी कि उत्तम से कम से कम एक बार उसकी बात कराई जाए। स्थानीय मुखिया सहित कई लोगों ने युवती को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह अपनी मांग पर अड़ी रही। बीते गुरुवार को महिला पुलिस उसे जबरन उठाकर ले गई थी।
इसके बाद निशा के पिता ने उत्तम के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन निशा का कहना था कि वह नहीं चाहती कि उसका प्रेमी जेल जाए। वह तो उससे शादी करना चाहती है। आखिरकार इलाके के लोगों ने दोनों परिवारों के बीच मध्यस्थता कराई, तब एक स्थानीय मंदिर में दोनों की शादी करा दी गई।