भारतीय ऑलराउंडर स्टुअर्ट बिन्नी ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से सोमवार को संन्यास ले लिया है. 37 साल के बिन्नी लंबे समय से टीम से बाहर चल रहे थे. 2016 के बाद से उन्होंने कोई इंटरनेशनल मैच नहीं खेला था. हालांकि वह घरेलू क्रिकेट के जरिए टीम में वापसी की कोशिश कर रहे थे. 2014 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे मैच से इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले दिग्गज भारतीय क्रिकेटर रोजर बिन्नी के बेटे स्टुअर्ट ने भारत के लिए 6 टेस्ट, 14 वनडे और 3 टी20 मैच खेले हैं.
उनके नाम वनडे क्रिकेट में भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकॉर्ड है. 2014 में बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने 4 रन देकर 6 विकेट लिए थे. उनके इस रिकॉर्ड को आज तक कोई भारतीय गेंदबाज नहीं तोड़ पाया.
बिन्नी के नाम टेस्ट क्रिकेट में 194 रन और 3 विकेट, वनडे में 230 रन और 20 विकेट, टी20 में 35 रन और 1 विकेट है. बिन्नी ने 95 फर्स्ट क्लास मैचों में 4 हजार 796 रन बनाए और 148 विकेट लिए है. वहीं 100 लिस्ट ए मैचों में 1788 रन बनाने के साथ ही 99 विकेट भी लिए. बिन्नी आखिरी बार मैदान पर इसी साल मार्च में उतरे थे. उनका 100वां फर्स्ट क्लास मैच उनके करियर का आखिरी मैच था. अपने आखिरी मैच में बिन्नी ने नगालैंड की तरफ से अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ नाबाद 55 रन की पारी खेली थी.
पिता की तरह थे स्टुअर्ट
स्टुअर्ट बिन्नी अपने पिता की ही तरह लोअर मिडिल ऑर्डर में हार्ड हिटिंग बल्लेबाज रहे और मध्यम गति वाले स्विंग और सीम वाले गेंदबाज थे. शुरुआती दौर में बिन्नी कर्नाटक की टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. इसके बाद 2007 में उन्होंने भारतीय क्रिकेट लीग के लिए करार किया. वह हैदराबाद हीरोज और इंडिया इलेवन के लिए खेले.
अस्वीकृत टूर्नामेंट में दो सीजन खेलने के बाद बिन्नी ने बीसीसीआई का माफी प्रस्ताव स्वीकार किया और इस लीग को छोड़ दिया था. इसके बाद उन्होंने कर्नाटक की टीम में वापसी की और खुद को टीम के अहम सदस्य के रूप में स्थापित किया. उन्होंने टीम के लिए मुश्किल समय में रन बनाए और बड़ी साझेदारियां की. 2013 में उन्हें साउथ अफ्रीका दौरे के लिए भारतीय ए टीम में चुना गया और यहां पर शानदार प्रदर्शन का इनाम उन्हें इसके अगले साल भारत के लिए वनडे मैच में डेब्यू करने के मौके के रूप में मिला.