उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) में विज्ञान पढ़ाने वाली एक टीचर ने एक ही साथ 25 स्कूलों में कथित तौर पर ‘काम’ करके 13 महीनों में एक करोड़ रुपये की सैलरी कमाई है। खबर के मुताबिक अध्यापक का डेटाबेस तैयार करते समय यह गड़बड़झाला सामने आई। उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में टीचर्स के अटेंडेंस की रियल टाइम मॉनिटरिंग के बावजूद अनामिका शुक्ला नाम की यह टीचर ऐसा कर पाने में सफल रही।
मैनपुरी की निवासी अनामिका ने जिन स्कूलों में काम किया है, उसके रेकॉर्ड्स के अनुसार वह पिछले एक साल से भी अधिक समय से नियुक्त हैं। स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद के बताया कि, ‘जब सभी टीचर्स को प्रेरणा पोर्टल पर ऑनलाइन अपनी अटेंडेंस दर्ज करनी होती है तो फिर कैसे एक टीचर कई जगहों पर उपस्थिति दर्ज करवा सकती है। इस संबंध में विस्तृत जांच की जरूरत है।’
खबर के मुताबिक मार्च महीने में अनामिका के खिलाफ शिकायत मिलने पर विजय ने बातचीत करते हुए मिडिया बताया कि, ‘हमने अपने अधिकारियों को इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। लॉकडाउन की वजह से टीचर के रेकॉर्ड्स नहीं मिल सके हैं। मैंने 26 मई को अधिकारियों को रिमाइंडर भेज दिया है। अगर टीचर के बारे में जानकारी सही पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’ इस मामले में विजय ने आगे बताया कि, ‘अनामिका की ओरिजनल पोस्टिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। शिकायत में दर्ज हर जिले से वेरिफाई करवाया जा रहा है। अगर शिकायतों को सही पाया गया तो एफआईआर दर्ज होगी। वह सभी स्कूलों में एक ही बैंक अकाउंट यूज करती थी या नहीं इस पर अभी जांच चल रही है।’
बताया जा रहा कि प्रयागराज, अंबेडकरनगर, अलीगढ़, सहारनपुर, बागपत जैसे जिलों के KGBV स्कूलों में अनामिका की पोस्टिंग पाई गई है। इन स्कूलों में टीचर्स की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर होती है और हर महीने 30 हजार रुपये की तनख्वाह रहती है। जिले के हर ब्लॉक में एक कस्तूरबा गांधी स्कूल है। समाज के कमजोर तबके से आने वाली लड़कियों के लिए इन स्कूलों में आवासीय सुविधा भी होती है।
अनामिका शुक्ला को फरवरी तक रायबरेली के केजीबीवी में कार्यरत पाया गया। रायबरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश के अनुसार सर्व शिक्षा अभियान की तरफ से छह जिलों में लेटर भेजकर केजीबीवी में अनामिका शुक्ला नाम की टीचर के बारे में जांच कर के सूचना देने को कहा गाया। रायबरेली का नाम हालांकि उस लिस्ट में नहीं था लेकिन हमने क्रॉस चेक किया और पाया कि महिला हमारे केजीबीवी में भी काम करती है। उसे एक नोटिस भेज दिया गया।