जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान कभी भी हो सकता है। उससे पहले जम्मू में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बड़ी रैली की। इस दौरान नेशनल कांफ्रेंस (NC) के सांसद फारूक अब्दुल्ला ने आर्टिकल 370 को याद किया। उन्होंने कहा कि अनुच्छे 370 हमने नहीं लाया था। इसे महाराज हरि सिंह द्वारा पेश और लागू किया गया था। उन्होंने कहा कि यह केवल डर के कारण था कि विभाजन के बाद पंजाब के लोग यहां आकर बस जाएंगे और हमारे राज्य के गरीब लोग कम दरों पर अपनी जमीन बेच देंगे। नौकरियां केवल स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित थीं। यह अनुच्छेद 370 था।
उन्होंने आगे कहा कि यहां की नौकरी जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लोगों के लिए रखी थी। जम्मू वालों ने आर्टिक 370 हटाने पर बहुत ढोल बजाए। आज उन्हें पता लग रहा है कि क्या हो रहा है, आज कहां है जम्मू के लिए नौकरियां, एक नौकरी निकली और वह भी केरल से आकर यहां बस गया। क्या यहां लोग अब बाहर से आएंगे, यहां की पुलिस के लोग बाहर से आएंगे, क्या हमारे लोग इतने गधे हैं कि वह आईजी और डीजी नहीं बन सकते?
फारूक अब्दुल्ला ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में कोई भी इतना अकलमंद नहीं है जो यहां की यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर बन सके, वह भी बाहर से आए हैं। हमने सचिवालय जम्मू और श्रीनगर दोनों जगह क्यों रखा था, क्योंकि श्रीनगर में सर्दी होती है, तो उस समय जम्मू में सचिवालय काम करेगा और जब जम्मू में गर्मी होती थी, तब सचिवालय श्रीनगर में काम करेगा।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “1996 में आतंकवाद के दौर में आज की यह पार्टियां कहीं नहीं थी। श्रीनगर में जाने से डरते थे, तब मैंने फैसला किया कि अगर लोगों को बचाना है तो चुनाव लड़ना है और हमने चुनाव लड़ा। जितने भी स्कूल यहां 1996 में बंद थे उन्हें रेहबारे तालीम के तहत हमने दोबारा शुरू किया। हमने यहां डॉक्टर लाए हैं, सड़के बनाई, पुल बनाएं। 1996 तक डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस दफ्तर में बैठता था। मैंने उसको हेलीकॉप्टर दिया और कहा कि दूर दराज इलाकों में जाकर वहां के लोगों की भर्ती कीजिए। उसमें मैंने हिंदू-मुस्लिम का भेदभाव नहीं किया। हमने यह कभी नहीं देखा कि आप हिंदू हैं या मुसलमान हैं, जम्मू से हैं या श्रीनगर से हैं।
अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर उन्होंने कहा, “भगवान राम सबके हैं। यह जो चिल्ला रहे हैं और भगवान राम की बात करते हैं, मैं पूछता हूं और उनकी पुस्तकों में लिखा है कि भगवान राम विश्व के राम हैं, अगर वह विश्व के राम हैं तो वह सबके राम हैं, लेकिन इन लोगों ने उसे अपना बनाया है। कल आपसे चुनाव में वोट मांगने आए तो जय सियाराम कहकर आपको कहेंगे कि हमने मंदिर बनाया। अगर भारत को चलना है, भारत तब चलेगा जब हम सब की तरफ देखेंगे और सबको उठाने की कोशिश करेंगे। अगर हमने यह सोचा कि सिर्फ उसी को उठाएंगे जो मेरी पार्टी का है तब भारत नहीं उठेगा।”