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चूक से पाकिस्तान में जा गिरी मिसाइल, मामले में सरकार ने की तीन अधिकारियों की सेवाएं समाप्त

पाकिस्तान में ‘चूक’ से जा गिरी ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos supersonic cruise missile) मामले में जांच के बाद मुख्य रूप से तीन अधिकारियों (three officers) को जिम्मेदार ठहराया गया है। भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने इसकी जानकारी दी। वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार (Central government) द्वारा उनकी सेवाओं को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है। अधिकारियों को मंगलवार यानी 23 अगस्त को बर्खास्तगी के आदेश दे दिए गए हैं।

भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के अधिकारी ने बताया कि इस मामले में जिन अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त किया गया है उनमें एक ग्रुप कैप्टन, एक विंग कमांडर और एक स्क्वाड्रन लीडर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जांच में सामने आया है कि अधिकारियों से मानक संचालन प्रक्रियाओं में चूक हो गई थी, जिसके कारण गलती से मिसाइल फायरिंग हुई। गौरतलब है कि ये घटना 9 मार्च 2022 को हुई थी।

दरअसल, 9 मार्च 2022 को तकनीकी खामियों की वजह से भारत की ओर से पाकिस्तान में गलती से मिसाइल फायरिंग हो गई थी। मिसाइल हरियाणा के सिरसा से छोड़ी गई थी जो सूरतगढ़ के रास्ते पाकिस्तान की सीमा में शाम करीब 6.43 बजे 124 किलोमीटर अंदर जाकर गिरी। राहत की बात यह भी है कि हादसे में किसी की जान नहीं गई थी।

पाकिस्तान ने इस मामले में भारत पर आरोप लगाया था कि नौ मार्च को भारत की तरफ से एक सुपरसोनिक प्रोजेक्टाइल (फ्लाइंग ऑब्जेक्ट) फायर किया गया था, जो उसके क्षेत्र में 124 किमी अंदर पंजाब प्रांत के खानेवाल जिले में मियां चन्नू के पास गिरी। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसुफ ने इस संवेदशनील घटना की जांच की मांग की थी। पाकिस्तान ने इस मामले पर भारत को वैश्विक रूप से घेरने की कोशिश भी की थी।

पाकिस्तान के आरोपों पर भारत ने भी खेद जताया था। पाकिस्तान सरकार ने भारत सरकार से स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था। इसके बाद भारत सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि मिसाइल गलती से फायरिंग हो गई थी, जो पाकिस्तान में गिरी और यह खेदजनक घटना नियमित रखरखाव के दौरान एक तकनीकी खराबी के कारण हुई थी। वहीं भारत के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और इसमें एक कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है।