चीन की हांगकांग (Hong Kong) के लोगों के प्रति सख्ती लगातार बढ़ती जा रही है, जिसके कारण यहां के लोग अब ब्रिटेन की ओर भाग रहे हैं. चीन ने बीते साल एक सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (National Security Law) लागू कर दिया था. जिसके बाद से अभी तक हांगकांग से हजारों लोग अपने घर छोड़कर ब्रिटेन पहुंचे हैं. इनमें से अधिकतर लोग खुद को सजा दिए जाने से डरे हुए हैं.
उन्होंने हांगकांग में लोकतंत्र की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. इन लोगों का ऐसा लग रहा है कि प्रदर्शनों का समर्थन करने के कारण उन्हें दंडित किया जा सकता है और कुछ लोगों का कहना है कि उनके जीवन जीने के तरीके और नागरिकों की स्वतंत्रता पर चीन का अतिक्रमण असहनीय हो गया है, इसलिए वो अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए विदेश जाकर बसने पर मजबूर हैं. इनमें से कई लोग कभी वापस नहीं लौटने का मन बना चुके हैं.
संपत्ति-कारोबार छोड़कर आ रहे लोग
हांगकांग में व्यावसायी और दो बच्चों की मां सिंडी ने कहा कि वह हांगकांग में आराम से रह रही थीं और वहां उनकी एवं उनके परिवार की कई सम्पत्तियां हैं. उन्होंने कहा कि उनका कारोबार अच्छा चल रहा था, लेकिन उन्होंने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बावजूद सब छोड़कर अपने परिवार के साथ ब्रिटेन आने का फैसला किया. लंदन में पिछले सप्ताह पहुंची सिंडी ने कहा, ‘जो चीजें हमारे लिए महत्व रखती हैं, वह हैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, निष्पक्ष चुनाव, आजादी. सब छीन लिया गया है. यह अब वह हांगकांग नहीं है, जिसे हम जानते थे.’
मुंह बंद नहीं रखना चाहते हांगकांग वासी
ब्रिटेन पहुंची हांगकांग की वांग ने अपना पूरा नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि वह हांगकांग से बाहर जल्द से जल्द निकालना चाहती थीं, क्योंकि उन्हें डर था कि बीजिंग उन्हें बाहर जाने से रोक देगा. वांग की ही तरह लंदन पहुंचे 39 वर्षीय फैन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर आपको पता है कि कब मुंह बंद करना है, तो आपको हांगकांग में दिक्कत नहीं होगी, लेकिन मैं यह नहीं करना चाहता. मैं यहां कुछ भी कह सकता हूं.’
50 लाख लोगों को मिलेगी राहत
ब्रिटेन ने जुलाई में घोषणा की थी कि वह हांगकांग के 50 लाख लोगों के लिए विशेष आव्रजन मार्ग खोलेगा, ताकि वे ब्रिटेन में रह सकें, काम कर सकें और फिर यहां बस सकें. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि यह प्रस्ताव दर्शाता है कि ब्रिटेन हांगकांग के साथ अपने ‘मजबूत संबंधों के इतिहास’ का सम्मान कर रहा है. हांगकांग पहले ब्रिटेन का उपनिवेश था, लेकिन बाद में इस समझौते के साथ वह 1997 में चीन के अधीन आया कि उसकी पश्चिमी शैली की आजादी और राजनीतिक स्वायत्ता बरकरार रहेगी.
आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे
‘ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज’ वीजा के लिए रविवार से आवेदन आधिकारिक रूप से आमंत्रित किए जाएंगे, लेकिन कई लोग पहले की ब्रिटेन पहुंच चुके हैं. हांगकांग निवासी अभी छह महीने के लिए ब्रिटेन आ सकते हैं, लेकिन रविवार से वे पांच साल तक देश में रहने और यहां काम करने के अधिकार के लिए आवेदन कर सकते है. इसके बाद वे यहां बसने और फिर ब्रिटिश नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. ब्रिटेन सरकार ने कहा कि जुलाई से ‘ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज’ (बीएनओ) दर्जे वाले करीब 7,000 लोग ब्रिटेन पहुंचे हैं.
बैखलाया हुआ है चीन
इस बीच चीन ने कहा है कि वह अब ‘ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज’ पासपोर्ट को वैध यात्रा दस्तावेज और पहचान पत्र के रूप में मान्यता नहीं देगा.’ चीन का यह बयान हांगकांग के लाखों लोगों को नागरिकता देने की ब्रिटेन की योजना के बाद दोनों देशों में तनाव बढ़ने के बीच आया है.’ चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने शुक्रवार को इस आशय की घोषणा की थी. उनकी यह घोषणा ब्रिटेन की इस घोषणा के कुछ घंटों बाद आई कि हांगकांग के लोग बीएनओ वीजा के लिए रविवार से आवेदन लेना शुरू कर देंगे.
ब्रिटिश नागरिक बन सकेंगे हांगकांग के लोग
इस योजना के तहत हांगकांग के 54 लाख लोग ब्रिटेन में अगले पांच वर्षों के लिए रहने और काम करने के पात्र हो जाएंगे और उसके बाद वह नागरिकता के लिए आवेदन दे सकते हैं. हांगकांग में लोकतंत्र की मांग को लेकर कई महीने तक प्रदर्शन हुए थे, जिसके बाद चीन ने वहां नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया था. इसके बाद ही ब्रिटेन ने हांगकांग के लोगों को नागरिकता देने की योजना पर बात की थी.