गलवान घाटी में सीमा विवाद के बीच भारत-चीन को हर मोर्चे पर मात दे रहा है, बता दें कि बीते दिनों ही मोदी सरकार ने 59 चायनीज ऐप्स को बैन करके चीनी अर्थव्यवस्था पर गहरी चोट पहुंचाई थी. हालांकि चीन के खिलाफ भारत लगातार नई रणनीतियां तैयार कर रहा है. बहरहाल इस बीच सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत चीन से होने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) जिससे चीन हर साल मोटी कमाई करता था, अब उसपर भी केंद्र सरकार रोक लगाने की पूरी तैयारी कर चुकी है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत ECB से होने वाले एफडीआई (FDI) पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर रहा है, जिसका असर चीन पर पड़ेगा. इससे पहले भारत ने चीनी ऐप्स को बैन को चीन को एक बड़ा झटका दिया था. और अब चीन से कर्ज या ECB से निवेश पर रोक लगाने की कवायद तेज हो चुकी है.
इस बात की जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और मार्केट रेगुलेट सेबी (SEBI) और वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के बीच हुई चर्चा से मिली है. बता दें कि अप्रैल में चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी)
ने हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई थी. हालांकि जून तिमाही की समाप्ति पर पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना की एचडीएफसी में हिस्सेदारी घटकर 1 फीसदी से कम हो गई है. वहीं मार्च तिमाही के अंत में पीबीओसी के पास एचडीएफसी के 1.75 करोड़ शेयर थे. जो बैंक की 1.01 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर थे.
बता दें कि केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद चीन को भारत में व्यापार करने के लिए मंजूरी लेनी होगी. चूंकि ऐसा कहा जा रहा है कि चीन ने कोरोना वायरस के मद्देनजर दूसरे देशों में अपना व्यापार बढ़ाया है. देश में चीन और पाकिस्तान से
किसी भी सेक्टर में निवेश से पहले सरकारी की अनुमति लेना जरूरी है. सरकार का यह फैसला बेहद अहम है. घरेलू कंपनियों के विदेशी कंपनियों द्वारा अधिग्रहण से बचाने के लिए ऐसा किया गया है.