सेना ने बुधवार को कहा कि जम्मू में शांति भंग करने की पाकिस्तान की नापाक कोशिश को नाकाम कर दिया गया है। सेना के मुताबिक राजौरी के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर 72 घंटों में आतंकियों द्वारा घुसपैठ की तीन कोशिशों को सफलता पूर्वक नाकाम कर दिया गया। सेना की 80 इन्फैंट्री ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर कपिल राणा ने कहा कि झांगर और लाम इलाकों में 21 और 22 अगस्त को घुसपैठ की लगातार दो कोशिशें की गईं, जिसमें दो आतंकवादी मारे गए और आतंकियों के एक कुख्यात मार्गदर्शक (गाइड) को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा अखनूर सेक्टर में भी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया गया।
ब्रिगेडियर के मुताबिक इस गाइड को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा समूह का नेतृत्व करने का काम सौंपा गया था, ताकि सेना की चौकी पर हमला किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह पश्चिमी सीमाओं के पार के हमारे विरोधी और राजौरी तथा जम्मू क्षेत्र में शांति भंग करने की कोशिश की तरफ सीधा संकेत है। राजौरी के नौशेरा सेक्टर में दो सफल अभियानों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए ब्रिगेडियर ने कहा कि पहला प्रयास 21 अगस्त को किया गया था जब झंगर में तैनात सतर्क सैनिकों ने तड़के नियंत्रण रेखा के पार से दो-तीन आतंकवादियों की आवाजाही देखी। उन्होंने कहा कि एक आतंकवादी भारतीय चौकी के करीब आया और बाड़ को काटने की कोशिश की, इस पर उसे सतर्क संतरियों ने चुनौती दी। अधिकारी ने कहा कि अतंकियों के भागने की कोशिश करने पर सैनिकों ने गोलीबारी की और इसके बाद एक घायल आतंकवादी को पकड़ लिया, लेकिन पीछे छिपे दो आतंकवादी घने जंगल की आड़ में भाग गए।
घायल पाकिस्तानी आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया गया और उसे तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की गई। ब्रिगेडियर राणा ने कहा कि पकड़े गए आतंकवादी ने अपनी पहचान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के कोटी के सब्जकोट गांव निवासी तबारक हुसैन के रूप में बताई। उन्होंने कहा कि आतंकवादी ने बताया कि उसकी योजना भारतीय सेना चौकी पर हमले की थी। हुसैन ने खुलासा किया कि उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के यूनुस चौधरी नाम के एक कर्नल ने भेजा था और उसने उसे 30,000 रुपये (पाकिस्तानी मुद्रा) दिए थे।
हुसैन ने यह भी खुलासा किया कि उसने अन्य आतंकवादियों के साथ भारतीय अग्रिम चौकियों की उसने दो-तीन बार नजदीकी से रेकी की थी, ताकि उन्हें सही समय पर निशाना बनाया जा सके। अधिकारी ने कहा कि सेना के दूसरे अभियान के तहत 22 और 23 अगस्त की रात लाम क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे दो-तीन आतंकियों में से दो की मौत बारुदी सुरंग की चपेट में आकर हो गई, जबकि तीसरा आतंकी घायल होने के बाद इसी इलाके में छिपा हुआ है या फिर खराब मौसम का फायदा उठाकर वापस चला गया होगा। ब्रिगेडियर राणा ने कहा कि इलाके में 23 अगस्त की सुबह एक क्वाडकॉप्टर उड़ाया गया तो मारे गए आतंकवादियों के शव दिखे और इनके पास से एके -56 राइफल और बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किये गये।