ट्विटर (Twitter) छह वर्षों से यूजर्स का डाटा गोपनीय (User data confidential) रखने में नाकाम रहने पर 15 करोड़ डॉलर का जुर्माना ($150 million fine) अदा करने पर राजी हो गया है। न्याय मंत्रालय व संघीय व्यापार आयोग ने ट्विटर के साथ वाद निपटारे की घोषणा करते हुए कहा कि सोशल मीडिया कंपनी (social media company) अब यूजर्स की डाटा सुरक्षा के लिए नए मानक भी तैयार करेगी।
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा, ट्विटर ने निजता मामले में लगे आरोपों को निपटाने के लिए यह राशि देने पर सहमति जताई है। न्याय मंत्रालय तथा संघीय व्यापार आयोग (एफटीसी) ने ट्विटर पर गोपनीयता को कड़ा करने के नाम पर फोन नंबर, ईमेल की जानकारी को पैसे कमाने के लिए विज्ञापनदाताओं को देने का आरोप लगाया था। नियामकों का आरोप है कि ट्विटर ने उपयोगकर्ताओं (यूजरों) को धोखे में रखते हुए 2011 के एफटीसी आदेश का उल्लंघन किया कि वह उनकी गैर-सार्वजनिक संपर्क जानकारी की गोपनीयता को सुरक्षित रखता है।
ट्विटर ने किया झूठा दावा
अमेरिकी नियामकों ने एक संघीय मुकदमे में यह आरोप भी लगाया कि ट्विटर ने झूठा दावा किया कि उसने यूरोपीय संघ (ईयू) और स्विट्जरलैंड के साथ अमेरिका के गोपनीयता समझौतों का अनुपालन किया है। आयोग की अध्यक्ष लीना खान ने कहा, ट्विटर ने सुरक्षा उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग करने के बहाने यूजर्स से डाटा हासिल किया था, लेकिन आखिर में इस डाटा का उपयोग विज्ञापन के लिए यूजरों को लक्ष्य बनाने के मकसद से किया गया।
यूजर्स को जानकारी का अधिकार
अमेरिकी अटॉर्नी स्टेफनी हिंड्स ने कहा, सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी साझा करने वाले यूजरों को यह जानने का अधिकार है कि क्या उस जानकारी का उपयोग विज्ञापनदाताओं को ग्राहकों को लक्षित करने में मदद करने के लिए किया जा रहा है।