ज्योतिष शास्त्र में केवल भाग्यफल, राशि के अनुसार ही भविष्यवाणी नहीं की जाती बल्कि इसके अंतर्गत स्वप्न, ज्योतिष, कुंडली अध्ययन, अंक ज्योतिष, सामुद्रिक शास्त्र और हस्तरेखा अध्ययन जैसी कई सारी विधाएं शामिल होती हैं इनमें से ही एक विधा होती है सामुद्रिक शास्त्र. सामुद्रिक शास्त्र में शरीर की बनावट और निशानों के आधार पर आपका व्यवहार बताया जाता है. इसके अंतर्गत ही इस बात को जानने की कोशिश की जाती है कि लोगों के जीवन में कौन से सुख सुविधा की अधिकता होगी.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार यह कहा जाता है कि शरीर के तिल कुछ ना कुछ जरूर बताते हैं .ऐसा कहा जाता है कि शरीर के तिल मनुष्य के व्यवहार और स्वभाव के बारे में भी बता डालते हैं. आमतौर पर व्यक्ति के शरीर में कई सारे तिल होते हैं. माना जाता है कि शरीर के किस अंग पर तिल है. यह जिंदगी के कई विषयों के बारे में जानकारी देता है. आइए जानते हैं कि गालों पर तिल होने का क्या मतलब होता है.
इस तिल के लोग माने जाते हैं धनवान
समुद्र शास्त्र में ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति के गाल पर तिल है तो वह बहुत ज्यादा भाग्यशाली होते हैं इसी के साथ उन लोगों के जीवन में हमेशा धन बना रहता है, जिनके गाल के ऊपरी हिस्से में तिल होता है, वो अधिकतर खुश रहते हैं.
गाल के ऊपरी हिस्से में तिल होना होता है शुभ
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के गाल के ऊपरी हिस्से पर तिल होता है. वह लोग बहुत ही रचनात्मक प्रवृत्ति के होते हैं. इस के बारे में बताया जाता है कि यह लोग किसी भी कार्य को साधारण तरीके से ना करके अलग ढंग से करने की कोशिश करते हैं. अपने जीवन में हर काम को सकारात्मक तरीके से करने की कोशिश करते हैं.
गाल के बीच में तिल होना
समुद्र शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के गाल में बीचो-बीच तिल होता है, वह लोग बहुत ही इमोशनल स्वभाव के होते हैं. इसी के साथ ज्योतिषाचार्य का मानना है कि वो लोग बहुत ही धनी किस्म के होते हैं. इनको दूसरों की बातों में आने में ज्यादा समय नहीं लगता है ऐसा भी कहा जाता है कि इन्हें दूसरों की बातें बुरी जल्दी लगती है.
गाल के निचले हिस्से में तिल होना
जिन लोगों के गाल के निचले हिस्से पर तिल होता है, उनमें सहनशीलता भरपूर होती है. अपने जीवन में यह लोग बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करते हैं. लेकिन फिर भी यह लोग हार नहीं मानते और अपने काम में लगे रहते हैं.