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कोरोना से जंग जीतने के बाद एवरेस्ट पर लहराया झंडा, 25 साल के शख्स ने पेश की मिसाल

कहते है जहां चाह होती है वहां राह होती है। जिसके अंदर कुछ करने का जज्बा होता है उसे कोई बाधा नहीं रोक सकती। वो हर मुश्किलों को पार करते हुए अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाता है। ऐसी ही कुछ कहानी वसई से सामने आई है। जहां रहने वाले 25 साल के हर्षवर्धन जोशी ने कोरोना(corona) से जंग जीतने के बाद एवरेस्ट(Everest) की चढ़ाई पूरी की। हर्षवर्धन ने दुनिया के सबसे ऊंचे माउंटेन की चढ़ाई पूरी कर एक मिसाल पेश की है।

हर्षवर्धन ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनका ये एवरेस्ट मिशन कितना मुश्किल और संघर्ष भरा था। उन्होंने बताया कि जब वह यह यात्रा कर रहें थे तो कोरोना का गहरा संकट छाया हुआ था। जिसके बाद वो सभी इस महामारी से सतर्क होकर यात्रा को ठीक से नियंत्रण के साथ चला रहे थे, लेकिन तभी वो और उनकी टीम के कुछ सदस्यों इस बीमारी की चपेट में आ गए। वो कोरोना से संक्रमित पाए गए।

लेकिन किसी को ये नहीं पता चल सका कि संक्रमण उनके कैंप तक पहुंचा कैसे ? वहीं संक्रमित होने के बाद सभी ने एक दूसरे से दूरी बना ली। सभी अपने बेस कैंप में एक-दूसरे से दूरी बनाए हुए थे। वहीं हर्षवर्धन और उसके साथियों का इलाज बेस में मौजूद एक डॉक्टर की पत्नी ने कुछ रैपिड-एंटीजन परीक्षण(rapid antigen test) किट की सहायता से किया।

वहीं हर्षवर्धन और उनके दोस्तों के पॉजिटिव होने के बाद डॉक्टर ने उन्हें वापस जाने की सलाह दी। लेकिन उन्होंने चढ़ाई पूरी करने का फैसला किया।

चोटी पर लहराया झंडा 

हर्षवर्धन ने बताया इतनी कठिनाइयों के बाद जब उन्हें ये सफलता मिली तो वे बेहद गर्व महसूस कर रहे थे। कई संघर्षों के बाद वो ऐवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे और झंडा लहराया।