कोरोना महामारी ने पूरे देश में कोहराम मचा रखा है. कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से कई लोगों की जान चली गई. कोरोना के इस संकट में पूरे देश में नकारात्मक माहौल है. ऐसे में महाराष्ट्र में नागपुर के एक ट्रान्सपोर्ट कारोबारी मदद के लिए आगे आए हैं. उन्होंने ऑक्सीजन की भारी किल्लत को देखते हुए करीब एक करोड़ रुपये का दान किया है. एक करोड़ रुपये दान करने वाले इस व्यक्ति का नाम है प्यारे खान. प्यारे खान नागपुर में कोरोना मरीजों के लिए एक मसीहा बन कर सामने आए हैं. उन्होंने नागपुर में कोरोना की गंभीर स्थिति और ऑक्सीजन की भारी कमी को देखते हुए 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन दान की है. प्यारे खान ने न केवल ऑक्सीजन दान की है बल्कि ऑक्सीजन सुचारू रूप से मिल पाए इसका वे खुद भी ध्यान रखे हुए हैं.
प्यारे खान ने अपने ट्रान्सपोर्ट नेटवर्क के माध्यम से नागपुर को ऑक्सीजन की आपूर्ति की है. दस दिनों में, उन्होंने 25 टैंकरों के माध्यम से नागपुर के सरकारी और निजी अस्पतालों को लगभग 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की पूर्ति की है. ये 25 टैंकर हर दिन भिलाई, विशाखापट्टनम, बेल्लारी से ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं. वहीं, अगर बात करें प्यारे खान की निजी जिंदगी की तो उनके जीवन की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. 1995 से 2001 तक, प्यारे खान ऑटो रिक्शा चलाने का काम करते थे. कड़ी मेहनत के बाद अब प्यारे खान अस्मी रोडवेज नामक एक बड़ी परिवहन कंपनी के मालिक हैं. सालों पहले जब वह खुद ऑटो रिक्शा चलाकर अपना गुजारा करते थे. आज उनकी कंपनी में 1200 सौ कर्मचारी और 300 बड़े ट्रक और टैंकर हैं. प्यारे खान का नेपाल से भूटान तक, पूरे भारत में एक बड़ा परिवहन व्यवसाय है.
प्यारे खान भारत के प्रमुख संस्थान जैसे आईआईएम अहमदाबाद और अन्य बड़े संस्थानों से लगभग डेढ़ सौ पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं. अब वह संकट के समय में नागपुर के लोगों के लिए एक दूत बनकर उभरे हैं. हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में व्यवसाइयों से अपील की थी कि वे कोरोना संकट में आर्थिक मदद करें. जिसके बाद महामारी की गंभीर स्थिति को समझते हुए प्यारे खान ने मदद करने का फैसला किया और बेल्लारी, विशाखापत्तनम, राउरकेला, भिलाई से नागपुर तक टैंकर उपलब्ध कराए. प्यारे खान ने विदर्भ में विभिन्न स्थानों पर ऑक्सीजन सिलेंडर भेजे हैं.