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कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बावजूद सरकार ने हटाए प्रतिबंध, वैज्ञानिकों ने दी यह चेतावनी

कोरोना महामारी(Covid19) ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। वही ब्रिटेन(Britain) में कोरोना के संक्रमण अभी पूरी तरह से थमा ही नहीं है। दूसरी तरफ ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण से आज पिछले 24 घंटे के दौरान 54 हजार से भी ज्यादा मरीज सामने आए है। मरीजों में अभी पूरी तरह से कमी भी नहीं आई है। इसके बावजूद ब्रिटेन सरकार ने आज यानि 19 जुलाई से अधिकांश कोरोना काल में लागे सारे नियमों एवं प्रतिबंधों को हटाया जा रहा हैं।

आपको बता दें कि सभी वैज्ञानिकों और अन्य विपक्षी दलों कि सरकार ने ब्रिटेन की इस लापरवाही को घातक बताया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर सरकार ने इन प्रतिबंधों को पूरी तरह से हटा दिया तो यहां कोरोना के मामलों में एक बार फिर से बढ़तरी होने लगेगी। हालाकि ब्रिटेन में तेजी से चल रहे टीकाकरण के बाद भी शुक्रवार को 51,870 मरीज मिले थे।

आपको बता दे कि यह संख्या जनवरी के मध्य में मिले मरीजों की संख्या से भी बहोत ज्यादा अधिक थी। उसके साथ ही अब पिछले 24 घंटों में यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आपको यह जान के हैरानी होगी कि ब्रिटेन में तीन दिनों में 2804 से भी ज्यादा मरीज मिले हैं। उसके साथ ही ब्रिटेन सरकार पूरी तरह से लापरवाही कर रही है।

वहीं स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद(Health minister sajid javid) ने ट्वीट करके कहा है कि उनको दोनों वैक्सीन(Vaccine) लग गई थीं इसलिये कोरोना संक्रमण होने के बाद भी उनमे हल्के लक्षण नज़र आए हैं। वही दूसरी तरफ ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि महामारी होने पर जो प्रतिबन्ध लगाये गए थे उनको 19 जुलाई सोमवार से लॉकडाउन के चौथे और अंतिम चरण में अधिकांश प्रतिबंध को पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। जिसकी वजह से ब्रिटेन निवासियों को कड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

आइएएनएस के अनुसार ब्रिटेन के 87.8 फीसद वयस्क वैक्सीन की एक डोज और 67.8 फीसद वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं। उस के साथ ही आप को यह बता दे कि सरकार ने यहां 2 से 16 साल के बच्चों को फ्लू की वैक्सीन देने की अनुमति भी दी है।कोरोना महामारी के चलते मरीजों की सांख्य बढ़ती ही जा रही आप को बता दे कि कोरोना के चलते कोविड-19 के मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की अब उतनी जरूरत नहीं पड़ रही है जीतनी कि पिछले वर्ष पड़ी थी जो इस बात का संकेत है कि कोरोना में लग रहे टीके विशेष रूप से काम कर रहे है। कोरोना वायरस के इस बेहद संक्रामक स्वरूप के खिलाफ भी टीके प्रभावित होते नज़र आ रहे है।