केरल में विधानसभा चुनाव से पहले एक सर्वे हुआ है. इसमें दावा किया गया है कि अगर राज्य में आज चुनाव होते हैं तो सीपीएम के नेतृत्व वाला लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) फिर से सत्ता में आ जाएगा. अगर ऐसा होता है तो यह अपने आप में रेकॉर्ड होगा क्योंकि पिछले 40 सालों में ऐसा नहीं हुआ है. मतलब केरल में 1980 के बाद कोई पार्टी दोबारा सत्ता में नहीं आई है.
एशियानेट न्यूज-सीफोर सर्वे के मुताबिक, अगर आज चुनाव होते हैं तो LDF को 72-78 सीट मिल सकती हैं. केरल की विधानसभा में कुल 140 सीट हैं. सरकार बनाने के लिए 71 के आंकड़े को छूना होता है.
केरल में तीसरे नंबर पर रहेगा NDA गठबंधन – सर्वे
सर्वे के मुताबिक, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) को 59-65 सीटें मिल सकती हैं. साल 2016 के चुनाव में इस गठबंधन को 47 सीट मिली थीं. सर्वे कहता है कि बीजेपी के नेृत्व वाला नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस केरल चुनाव में तीसरे नंबर पर रहेगा और उसे सिर्फ 3-7 सीटों पर संतोष करना होगा. सर्वे में शामिल 39 फीसदी लोगों ने कहा कि वह पिनराई विजयन को फिर से सीएम के रूप में देखना चाहते हैं. वहीं 18 फीसदी ने पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता ओमान चांडी को केरल का सीएम बनता देखना चाहते हैं. तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर को 9 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया.
केरल से जुड़े इस सर्वे में 34 फीसदी लोगों ने माना कि LDF सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उसने कोविड-19 महामारी के दौरान फ्री फूड किट बांटी थी. अन्य लोगों ने पेंशन सिस्टम की भी तारीफ की. वहीं सबरीमाला विवाद को राज्य सरकार की सबसे बड़ी असफलता माना जाता है. अभी दिसंबर में हुए स्थानीय चुनावों में भी LDF ने अच्छा प्रदर्शन किया था. ज्यादा पंचायत, ब्लॉक पंचायत, जिला पंचायत और निगमों में उसको जीत मिली थी.