Breaking News

किसान आंदोलन : किसान नेता बोले- अब मंत्रियों से नहीं होगी बात, महापंचायत में 5 प्रस्ताव पास

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का आज 71वां दिन है, लेकिन सुलह की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। कानून वापसी की मांग पर अड़े किसानों ने बुधवार को हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव में महापंचायत की। इसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अब कृषि मंत्री या फिर किसी और मंत्री से बातचीत नहीं करेंगे। अब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बातचीत के लिए आगे आना होगा।

‘जब राजा डरता है तो किलेबंदी का सहारा लेता है’
टिकैत ने आगे कहा, ‘अभी तो किसान कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं, जब गद्दी वापसी की मांग करेंगे तब सरकार क्या करेगी? जब कोई राजा डरता है तो किले बंदी का सहारा लेता है। ठीक ऐसा ही हो रहा है। बॉर्डर पर जो कीलबंदी की गई है, ऐसे तो दुश्मन के लिए भी नहीं की जाती है। लेकिन किसान डरेगा नहीं। किसान इसके ऊपर लेटेंगे और उसे पार करके जाएंगे।

सरकार द्वारा बातचीत के लिए किसानों की कमेटी के सदस्यों की संख्या कम करने से भी टिकैत ने साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, कभी भी बीच लड़ाई में घोड़े नहीं बदले जाते। जो कमेटी के सदस्य हैं, वहीं रहेंगे।

महापंचायत में 5 प्रस्ताव पास
1. तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस ले
2. MSP का कानून बनाए
3. स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करे
4. पकड़े गए लोगों और जब्त किए गए ट्रैक्टर छोड़े जाएं
5. किसानों का कर्ज माफ हो

केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस से 576 बसें वापस मांगीं
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली पुलिस की ड्यूटी में भेजी गईं 576 DTC बसों को डिपो में तुरंत लौटाने का निर्देश दिया है। ये बसें किसान आंदोलन में सुरक्षाबलों की आवाजाही में लगी हैं। दिल्ली परिवहन विभाग ने DTC को ये निर्देश भी दिए हैं कि बिना सरकार की इजाजत के दिल्ली पुलिस को बसें नहीं दें।

किसानों पर सेलेब्रिटी आमने-सामने
किसान आंदोलन के समर्थन में पिछले 24 घंटे में कई विदेशी हस्तियां सामने आईं। क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वे भारत में किसानों के आंदोलन के साथ हैं। वहीं पॉप सिंगर रिहाना ने लिखा कि आखिर हम किसान आंदोलन के बारे में चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं। इन पर भारतीय सेलेब्रिटीज ने पलटवार भी किया। रिहाना को जवाब देते हुए कंगना रनोट ने लिखा, ‘बैठ जाओ मूर्ख। हम तुम लोगों की तरह अपना देश नहीं बेच रहे। कोई भी इस मुद्दे पर इसलिए बात नहीं कर रहा, क्योंकि हिंसा फैला रहे लोग किसान नहीं, आतंकी हैं।’