केंद्र सरकार इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत कई कंपनियों को राहत देने की योजना बना रही है. निर्माला सीतारमण ने बताया कि दिवाला कार्रवाई को और 3 महीनों के लिए निलंबित रखने का प्लान बनाया है. सरकार के इस कदम से कर्ज लेने वाली ऐसी कंपनियों को राहत मिलेगी, जिनका कामकाज कोरोनावायरस की वजह से प्रभावित हुआ है.
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सरकार ने कंपनियों और लोगों की मदद के लिये कई उपाय किये हैं, जिसमें कर भुगतान की तारीख को आगे बढ़ाया जाना भी शामिल है.
सीतारमण ने कहा, ‘न केवल अनुपालन के मामले में बल्कि कराधान से संबंधित भुगतान की समयसीमा आगे बढ़ाकर भी राहत दी गयी है. इन सबका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसी को कठिनाई नहीं हो.’
आत्मनिर्भर पैकेज के तहत
उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सरकार ने आईबीसी के तहत कार्रवाई शुरू करने के मामले में फंसे कर्ज की न्यूनतम सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दी थी. इससे मुख्य रूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों को कर्ज लौटाने में चूक को लेकर दिवाला कानून के तहत किसी भी तरह की कार्रवाई से राहत मिलेगी.
मार्च 2021 तक मिल सकती है छूट
सीतारमण ने कहा, ”इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत नया मामला लाने की कार्रवाई को निलंबित रखने की मियाद को भी 25 दिसंबर से और तीन महीने के लिए यानी 31 मार्च 2021 तक निलंबित किया जा सकता है.”
जून में लाया गया था IBC
नई इन्सॉल्वेंसी कार्रवाई को निलंबित रखने को लेकर जून में अध्यादेश लाया गया था. यह 25 मार्च से प्रभाव में आया. उसी दिन से देश भर में कोविड19 को फैलने से रोकने के लिए ‘लॉकडाउन’ लगाया गया था. संसद ने सितंबर में आईबीसी में संशोधन से जुड़े विधेयक को मंजूरी दे दी जिसने अध्यादेश का स्थान लिया.