मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के कालापीपल क्षेत्र में बैंक ऑफ इंडिया की नांदनी गांव की शाखा में पैसे निकालने के लिए किसान रात में ही बैंक पहुंच कर अपना नंबर लगा रहे हैं. आलम यह है कि कई किसान तो रात से बैंक परिसर में ही डेरा डाले हुए हैं और यही सो रहे हैं. दरअसल, इन दिनों कर्मकार मंडल और पंजीकृत मजदूरों, समर्थन मूल्य गेंहू खरीदी के अलावा अन्य शासकीय योजनाओं में ग्रामीणों के खातों में शासन द्वारा पैसे जमा हुए हैं. ऐसे में उन्हें निकालने के लिए बैंक ऑफ इंडिया की इस शाखा में ग्रामीणों की भारी भीड़ आ रही है. स्टॉफ की कमी और तकनीकी दिक्कतों के चलते लोगों को बैंक से रुपये निकालने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही हैं. ऐसे में कुछ ग्रामीण रात को ही बैंक परिसर में पहुंचे और अपनी पासबुक पत्थर और अन्य चीजों के जरिए सोशल डिस्टेंसिंग में बने गोले में अपना नंबर लगाते दिखे.
यहां मौजूद ग्रामीणों का कहना है कि बैंक में भारी भीड़ होने के चलते उन्हें रुपये निकालने में खासी दिक्कत होती है. इसी के चलते उन्होंने रात में ही बैंक परिसर में अपना डेरा डाल दिया है ताकि सुबह बैंक खुलने पर उनकी बारी सबसे पहले आए और उनके रुपये खाते से निकल पाए. ग्रामीण क्षेत्र के बैंकों में इन दिनों ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ रही जो कि कोराना के लिहाज़ से भी बेहद चिंताजनक है. बैंक के बाहर रात से लगे एक किसान ने बताया कि वह चार दिन से लाइन में लगा है. रविवार रात को उसका छठा नंबर है. उन्होंने कहा कि पैसे नहीं मिलते हैं चाहे आप पूरा दिन लाइन में लगे रहो. वहीं एक अन्य किसान जयपति ने कहा कि मैं छह दिन से लाइन में लग रहा हूं. बैंक की व्यवस्था इतनी खराब है कि एक दिन में सिर्फ 15 ग्राहकों को ही पैसा मिलता है. उन्होंने कहा कि कभी गोले में खड़े होने के लिए कहा जाता है तो कभी लाइन में तो कभी टोकन दिया जाता है.