चीन से शुरु हुए कोरोना वायरस ने दुनिया में तबाही मचा दी है। इस वायरस ने चपेट में लाखों लोग आ चुके है। वहीं दूसरी तरफ मौंत का आंकड़ा भी दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में दुनियाभर के लगभग 100 से ज्यादा देश कोरोना वायरस की दवा तलाश करने में लगे है लेकिन अब तक किसी भी देश के पास कोरोना वायरस की दवा नहीं है। इसी बीच अब ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने दर्द की दवा से कोरोना वायरस का इलाज करने की कोशिश की है। जिसका ट्रायल भी वैज्ञानिकों ने शुरू कर दिया है ।
दरअसल वैज्ञानिक दर्द की सबसे सस्ती दवा Ibuprofen से कोरोना मरीजों का इलाज तलाश करने में जुट गए है। एक स्टडी में खुलासा हुआ था कि Ibuprofen से कोरोना मरीजों के बचने की संभावना 80 फीसदी बढ़ सकती है। द सन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन के गाइड एंड सेंट थॉमस अस्पताल और किंग्स कॉलेज के डॉक्टरों की टीम का मानना है कि पेन किलर और एंटी इन्फ्लैमेटरी दवा इबुप्रोफेन कोरोना मरीजों की सांस लेने की समस्या को सुधार सकती है। इसी वजह से डॉक्टरों का मानना है कि इस सस्ती दवा से कोरोना मरीजों को राहत मिलेगी। जिसके चलते ट्रायल के दौरान डॉक्टर सामान्य मरीजों को इबुप्रोफेन दवा भी दे रहे है।
डॉक्टरों ने तय किया है कि इस दवा की जगह अब एक खास फॉर्मुलेशन ट्रायल के दौरान इस्तेमल किया जाएगा। किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर मितुल मेहता ने कहना है कि इस दवा का हम ट्रायल इसलिए कर रहे है क्योंकि हम देखना चाहते है कि दवा से हम जो उम्मीद कर रहे है वो सच साबित होती है या नहीं। हालांकि कोरोना वायरस की शुरुआती दिनो इस दवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। इस दौरान फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ओलिवियर वेरन ने कहा था कि ये दवा कोरोना वायरस का संक्रमण मरीजों में बढ़ा सकती है।