पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (Pakistan Electronic Media Regulatory Authority) ने सभी टीवी चैनलों पर पूर्व प्रधानमंत्री व पीटीआई प्रमुख इमरान (PTI chief Imran) के भाषणों और प्रस कॉन्फ्रेंस के प्रसारण और पुन: प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है। पाकिस्तान के प्रमुख मीडिया समूह (major media groups) ने यह जानकारी दी। इस बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Prime Minister Shahbaz Sharif) ने शनिवार को इमरान खान द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की मांग की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से न्यायाधीशों का एक आयोग गठित करने की मांग की। इमरान खान ने शरीफ और गृह मंत्री के साथ-साथ एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी पर उनकी हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया था।
दरअसल, पंजाब के वजीराबाद जिले में ‘हकीकी आजादी मार्च’ के दौरान 70 वर्षीय खान के कंटेनर पर दो हमलावरों द्वारा की गई गोलीबारी में उनके दाहिने पैर में गोली लग गई थी। इमरान पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार के विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कई नेता घायल हो गए थे।
इमरान खान ने अपने ऊपर हमले के एक दिन बाद आरोप लगाया कि तीन व्यक्ति प्रधान मंत्री शहबाज, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैसल नसीर – उनकी हत्या के प्रयास के पीछे थे। उन्होंने बंद कमरे में उनकी हत्या की साजिश रची। उन्होंने दावा किया इसका वीडियो भी उनके पास है और अगर उन्हें कुछ होता है तो इसे जारी कर दिया जाएगा।
इस बीच पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने अपने खिलाफ अदालती अवमानना मामले की सुनवाई टालने का अनुरोध किया है। इमरान ने अपनी याचिका में कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष मांगा गया जवाब नहीं दे पाएंगे, क्योंकि वह घायल हैं और इलाज करा रहे हैं। इस बीच पाकिस्तानी सेना ने अपने वरिष्ठ अधिकारी पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा लगाए आरोपों को निराधार करार दिया है। आरोपों को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए सेना ने सरकार से सरकारी प्रतिष्ठान को बदनाम करने वालों के खिलाफ जांच और कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।