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इमरान खान के बिगड़े बोल, कहा -हॉटस्पॉट है यह क्षेत्र कभी भी धधक सकता है कश्मीर

भारत और अमेरिकी की बढ़ती नजदीकियां पाकिस्तान को कभी रास नहीं आई हैं। हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के भारत दौरे से तिलमिलाए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक तरह से अमेरिका को चेताया है और कहा कि जम्मू और कश्मीर एक हॉटस्पॉट बन चुका है और यह कभी भी धधक (भड़क) सकता है। इसलिए अमेरिका को कश्मीर मसले पर निष्पक्ष व्यवहार करना चाहिए। पाकिस्तान के जियो टीवी ने इस बात की जानकारी दी है। दरअसल, अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर संग सोमवार को भारत के साथ 2+2 के तीसरे दौर की वार्ता के लिए भारत आए थे, जिस दौरान कई अहम समझौतों पर दस्तखत भी हुए।

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भारत द्वारा उठाए गए कदमों पर चिंता व्यक्त करते हुए पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने चेतावनी दी है कि यह क्षेत्र एक हॉटस्पॉट है जो किसी भी समय धधक सकता है। पाकिस्तान संयुक्त राज्य अमेरिका से ‘समान’ व्यवहार का आग्रह करता है। ऐसा माना जा रहा है कि इमरान खान का यह बयान कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के संदर्भ में है।

जर्मन मैग्जीन के साथ बातचीत में इमरान खान ने कहा कि अमेरिका को यह लगता है कि भारत इस क्षेत्र में चीन के प्रभाव को सीमित कर सकता है, मगर यह कोरी कल्पना है। इमरान ने कहा कि इस्लामाबाद अमेरिका से भारत के संबंध में विशेष रूप से कश्मीर मसले पर समान ट्रीटमेंट की अपेक्षा करता है।

भारत-अमेरिकी की दोस्ती से पाकिस्तान को ऐसी मिर्ची लगी कि उसने भारत को पड़ोसी देशों के लिए खतरा बता दिया। इमरान खान ने अपने इंटरव्यू में कहा, ‘भारत अपने पड़ोसी देशों मसलन चीन, बांग्लादेश, श्रीलंका के लिए खतरा है, यहां तक कि हमारे लिए भी।’ इमरान ने भारत पर आरोप लगाया कि यह उपमहाद्वीप में सबसे चरमपंथी नस्लवादी सरकार है। यह 1920 और 30 के दशक में नाजियों से प्रेरित एक फासीवादी राज्य है।

कश्मीर के संदर्भ में इमरान खान ने कहा कि यह क्षेत्र एक हॉटस्पॉट है, जो किसी भी समय भड़क सकता है। इसलिए दुनिया के सबसे मजबूत देश अमेरिका से हम यह उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में जो भी राष्ट्रपति बने, उसे यह मसला सौंपा जाए। भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस पर हमला बोलते हुए इमरान खान ने कहा कि आप राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लेखन को पढ़ें, उन्होंने हिटलर की खुलकर प्रशंसा की है। नाजियों ने यहूदियों से छुटकारा पाना चाहा और आरएसएस मुसलमानों के भारत से छुटकारा चाहता था।