किसान आंदोलन और लखीमपुर हिंसा को लेकर अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी को अब शिवसेना का साथ मिल गया है। शिवसेना ने सोमवार को कहा कि वरुण के समर्थन की तारीफ करते हुए सभी किसान संगठनों को एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए। वरुण का समर्थन करना चाहिए। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना‘ में वरुण गांधी की तारीफ करते हुए यह भी पूछा है कि इंदिरा गांधी के पोते का खून तो खौल उठा है। उन्होंने अपना विचार व्यक्त किया लेकिन क्या दूसरे सांसदों के खून में बर्फ का ठंडा पानी बह रहा है? सामना के लेख में लिखा है कि वरुण गांधी भी इंदिरा गांधी के पोते और संजय गंधी के पुत्र हैं। लखीमपुर किसानों को रौंदने को देखकर उनका खून खौल उठा। उन्होंने मत व्यक्त किया लेकिन अन्य सांसदों के खून में बर्फ का ठंडा पानी बह रहा है क्या?‘
इसके आगे शिवसेना ने कहा कि किसानों की हत्या, उनके खून का सैलाब देखकर सत्ताधारी पक्ष के लोगों का खून ठंडा ही पड़ गया होगा तो देश को बचाने के लिए नया स्वतंत्रता आंदोलन खड़ा करना होगा। वरुण गांधी के अभिनंदन का प्रस्ताव सभी किसान संगठनों को करना चाहिए। उन्होंने किसानों पर अन्याय का निषेध किया और उसकी कीमत चुकानी पड़ी, तब भी परवाह नहीं की। उन्होंने खुलकर किसानों के आंदोलन का पक्ष लिया। उन्होंने कहा कि वरुण गांधी ने सच और समाज का साथ दिया है। अन्याय के खिलाफ खड़े हुए हैं।
आगे लिखा है कि वरुण गांधी ने खुलकर किसानों के आंदोलन का पक्ष लिया। किसानों को कुचलकर मारनेवाले गुनहगारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इसमें उन्होंने क्या गलत किया? वरुण गांधी साहस के साथ बोले। औरों का मन इस मुद्दे पर कम-से-कम अंदर-ही-अंदर व्यथित हो रहा होगा। लखीमपुर में किसानों के हत्याकांड को लेकर जो असंख्य लोग वरुण गांधी की तरह अपनी-अपनी भावना निडर होकर व्यक्त नहीं कर सके, ऐसे सभी लोगों के लिए यह आज का ‘महाराष्ट्र बंद’ है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए ‘महाराष्ट्र बंद’ है। हम उनके गम में शामिल हैं।