कई लोग रात को देर से खाना खाते हैं. ऐसा करने के पीछे कई वजहें होती हैं. कई लोगों की ऑफिस या अन्य काम की वजह से मजबूरी होती है, तो वहीं कई लोगों की आदत ही राक में खाने की होती है. लेकिन अगर आप भी देर रात को खाना खाते हैं, तो आज ही ये आदत बदल दें. क्योंकि ऐसा करने से आपको डायबिटीज की समस्या होती है. आइए विस्तार से बताते हैं.
स्पेन में की गई स्टडी
हाल ही में हुए एक स्टडी में पता चला है कि रात में खाना खाने से डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है. ये स्टडी स्पेन के 845 एडल्ट्स पर की गई. जहां प्रत्येक प्रतिभागी को आठ घंटे बिना खाना खिलाए रखा गया. इसके बाद अगली रात को सामान्य से जल्दी और फिर उससे अगली रात को देर से खाना खिलाया गया.
मेलाटोनिन हार्मोन को किया गया नोटिस
शोधकर्ताओं ने मेलाटोनिन रिसेप्टर -1 बी जीन के भीतर प्रत्येक प्रतिभागी के आनुवंशिक कोड को भी देखा. आपको बता दें कि मेलाटोनिन एक हार्मोन है जो मुख्य रूप से रात में एक्टिव होता है जो नींद में सोने- जागने के चक्र को कंट्रोल करने में मदद करता है. इस रिसर्च में मेलाटोनिन -1 बी जीन में उच्च स्तर के साथ नोट किया गया. देरी से खाना खाने वालों में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा देखा गया.
मेलाटोनिन का लेवल बड़ा हुआ मिला
शोधकर्ताओं ने पाया कि एक प्रतिभागी के रक्त में मेलाटोनिन का लेवल रात के खाने के बाद 2.5 गुना अधिक था. रात के खाने में देरी से इंसुलिन का स्तर कम होता है और रक्त शर्करा का स्तर अधिक होता है. देर रात के खाने के समय को देखते हुए, मेलाटोनिन -1 बी जी-एलील वाले प्रतिभागियों में रक्त शर्करा का स्तर उन लोगों की तुलना में अधिक था, जो उपरोक्त आनुवंशिक संस्करण के बिना थे.
देर से खाने से ब्लड सुगर कंट्रोल में हुई गड़बड़ी
मर्सिया यूनीवर्सिटी में फिजियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और लीड लेखक मार्टा गैरोलेट बताते हैं कि ‘हमने पाया कि देर से खाने से पूरे ग्रुप में ब्लड सुगर कंट्रोल में गड़बड़ी हुई. इसके अलावा ये बिगड़ा हुआ ग्लूकोज कंट्रोल मुख्य रूप से आनुवंशिक जोखिम वाले प्रकार के वाहक में देखा गया था.’