कांग्रेस नेता सिद्धारमैया (Siddaramaiah) आज यानि शनिवार को कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री पद की शपथ (Oath) लेंगे। 13 मई को विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद पांच दिनों तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री को चुनने की कवायद के चली थी। सिद्धारमैया और शिवकुमार (shivkumar) के बीच चली जंग में बाजी सिद्धी के हाथ लगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 28 लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। जहां सिद्धारमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे वहीं उनके साथ डीके शिवकुमार भी शपथ लेंगे जो इस सरकार में उप मुख्यमंत्री होंगे।
मनोनीत मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए शुक्रवार को दिल्ली लौटे थे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने गुरुवार को कहा था कि मंत्रियों के एक समूह के साथ सीएम और डिप्टी सीएम शपथ लेंगे। दोनों नेताओं ने कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रभारी रणदीप सुरजेवाला के साथ गहन मंथन किया।
28 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि “सीएम और डिप्टी सीएम के साथ 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। पार्टी अब सरकार गठन में देरी नहीं करना चाहती है। सूचियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है और आलाकमान द्वारा इसे मंजूरी दी जाएगी। बाद में शामिल करने के लिए लगभग चार कैबिनेट बर्थ खाली रखी जा सकती हैं।”
सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल में सभी क्षेत्रों और वर्गों का ध्यान रखा जाएगा। सिद्धारमैया कुरुबा और शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं। सिद्धारमैया और शिवकुमार ने 10 जनपथ पहुंचकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की। उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया।
दोनों खेमों का रखना होगा ख्याल
राज्य कांग्रेस सिद्धारमैया और शिवकुमार खेमे में विभाजित है। इसलिए मंत्रिमंडल गठन के दौरान पार्टी आलाकमान जाति, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और योग्यता के आधार पर दोनों नेताओं द्वारा मंत्रियों के लिए प्रस्तावित उम्मीदवारों का फैसला करेगा। कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, 30 महीने के बाद शिवकुमार को सिद्धारमैया से सीएम की कमान मिलने की उम्मीद है।
224 सदस्यीय विधानमंडल के लिए हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटें जीतीं और पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने मंत्रियों पर निर्णय उन समुदायों पर आधारित होने का आह्वान किया, जिन्होंने चुनावों में इसका पुरजोर समर्थन किया। हालांकि, मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व के लिए कई विधायकों की जोरदार पैरवी हो रही है। शिवकुमार का कहना है कि सरकार बनने के साथ ही पांचों गारंटी पर काम आरंभ हो जाएगा।
कांतीरवा स्टेडियम में होगी शपथ
गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक दल की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में सिद्धारमैया को औपचारिक रूप से नेता चुन लिया गया जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। सिद्धारमैया और शिवकुमार शनिवार को बेंगलुरू के कांतीरवा स्टेडियम में दोपहर साढ़े बारह बजे कुछ मंत्रियों के साथ शपथ लेंगे।
सिद्धारमैया के सामने पहली चुनौती सही संतुलन के साथ मंत्रिमंडल के गठन की होगी जिसमें सभी समुदायों, धर्म, वर्गों और पुरानी तथा नई पीढ़ियों के विधायकों का प्रतिनिधित्व हो। कर्नाटक मंत्रिमंडल में मंत्रियों की स्वीकृत संख्या 34 है और अनेक विधायक मंत्री पद की आकांक्षा रखते हैं। कर्नाटक में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटें अपने नाम कीं, जबकि भाजपा और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीट जीतीं।
विपक्षी एकता पर भी नजरें
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष की एकता का प्रदर्शन किया जाना तय है क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, राकांपा प्रमुख शरद पवार समेत कई बड़े नेता इसमें शामिल होंगे। यह शपथ ग्रहण समारोह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले गैर भाजपाई खेमे के लिए एकजुटता दिखाने का एक मौका होगा।
भले ही सबसे पुरानी पार्टी अगले साल होने वाले चुनाव से पहले विपक्षी एकता को बढ़ावा देना चाहती है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यहां श्री कांतीरवा स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहेंगी। हालांकि, उनकी पार्टी का इस कार्यक्रम में प्रतिनिधित्व होगा, लेकिन कांग्रेस उनकी अनुपस्थिति को “निरुत्साहित” करने के तौर पर देख रही है।
ये लोग होंगे शामिल
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, कुमार के अलावा, जिन लोगों ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है, उनमें स्टालिन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष एम. मल्लिकार्जुन खरेगे ने समारोह के लिए झामुमो, राजद, शिवसेना, सपा, पीडीपी, माकपा, भाकपा, एमडीएमके, आरएसपी, भाकपा (माले), वीसीके, रालोद, केरल कांग्रेस और आईयूएमएल के नेताओं को भी आमंत्रित किया है।
केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने हालांकि शपथ ग्रहण समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को आमंत्रित नहीं करने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि यह कदम उसकी (कांग्रेस की) अपरिपक्व राजनीति और कमजोरी को दर्शाता है। केरल के कन्नूर में एलडीएफ के संयोजक ई.पी. जयराजन ने कहा कि कांग्रेस के कदम ने साबित कर दिया है कि वह भाजपा की “फासीवादी” राजनीति के खिलाफ देश की धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों को एक साथ लाने का मिशन पूरा नहीं कर सकती।