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आखिर कैसे हुआ भगवान शिव का इस श्रृष्टि में जन्म? कौन थे उनके माता पिता?

दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं इस ब्रह्माण्ड में तीन देव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) सर्वशक्ति शाली माने जाते हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि इन तीनो देवो ने मिलकर ही इस श्रृष्टि की रचना की थी. इनमे से महेश यानी शिवजी भक्तों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय रहते हैं. लेकिन क्या आ ने कभी सोचा हैं कि इस पूरी श्रृष्टि की रचना करने वाले भोलेनाथ का स्वयं का जन्म आखिर कैसे हुआ होगा? आज हम आपको उसी विषय में बताने जा रहे हैं.

शिवजी का जन्म कब, कैसे और क्यों हुआ? उनके माता पिता कौन थे? इस बात को लेकर अलग अलग पुराणों और शास्त्रों में कई कहानियां और मत प्रचलित हैं. इस तरह शिवजी के जन्म की सही और सटीक जानकारी धर्म में भी नहीं हैं. परंतु इनमे से कुछ कहानियां ऐसी हैं जिन पर यकीन किया जा सकता हैं. वेदों में भगवान को निराकार बताया गया हैं जबकि पुरानों में उनके रूप, रंग और जन्म का जिक्र हुआ हैं.

शिव महापुराण की माने तो भोलेनाथ स्वयंभू हैं. यानि कि वे अपने आप ही जन्मे हैं. उनके कोई माता या पिता नहीं हैं. शिवपुराण में एक किस्से का जिक्र हैं जिसके अनुसार एक बार शिवजी अपने टखने को मल रहे थे और उस मेल से ही विष्णु भगवान की उत्पत्ति हुई थी. हालाँकि विष्णु पुराण में उनके जन्म को लेकर अलग ही कहानी कही गई हैं. विष्णु पुराण के मुताबिक स्वयंभू भगवान शिव नहीं बल्कि विष्णु जी हैं. वो भगवान विष्णु ही थे जिन्होंने अपने शरीर से भोलेनाथ और ब्रह्मा जी को उत्पन्न किया था. वैसे देखा जाए तो विष्णु पुराण ही एक मात्र ऐसी पुराण हैं जिसमे भगवान शिवजी के बालरूप की गाथा का जिक्र किया गया हैं.

विष्णु पुराण के अनुसार ऐसे हुआ था शिवजी का जन्म
विष्णु पुराण के अनुसार इस श्रृष्टि के निर्माण के लिए भगवान विष्णु को एक साथी की आवश्यकता थी. ऐसे में उन्होंने अपनी शक्तियों के माध्यम से एक तपस्या की जिसके बाद ब्रह्मा जी की गोद में एक रोता हुआ बालक प्रकट हुआ. ब्रह्मा जी ने इस बालक को रोता देख उसका नाम रूद्र रख दिया. रूद्र का मर्त्लब होता हैं ‘रोने वाला’. हालाँकि इस बालक को ये नाम अच्छा नहीं लगा और वो तेज़ी से रोने लगा. ऐसे में ब्रह्मा जी ने उसे रूद्र, शर्व, भाव, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान और महादेव जैसे 8 अलग अलग नामो से पुकारा. ऐसा कहा जाता हैं कि ब्रह्मा जी की गोद में शिवजी का पैदा होना विष्णु देव का ब्रह्मा जी को एक वरदान था. इसलिए कुछ लोग विष्णु और ब्रह्मा जी को भी उनके माता पिता मानते हैं.

तो दोस्तों ये थी शिवजी के जन्म से जुड़ी कहानी. उनके जन्म को लेकर अलग अलग जगहों पर भिन्न भिन्न मत हैं. लेकिन इस बात में कोई शक नहीं कि शिवजी सभी देवो में सर्वशक्तिशाली हैं. उनकी महिला निराली हैं. यही वजह हैं कि पुरे देश में सबसे अधिक शिवजी के मंदिर हैं और लोग हर समय उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश में लगे रहते हैं.