छत्तीसगढ़ के सूरजपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बीमार महिला को नर्स ने इंजेक्शन लगाया तो उसकी तबीयत बिगड़ गई। इस पर नर्स ने परिजनों को झाड़-फूंक कराने की सलाह दे दी और ले जाने के लिए कहा। परिजन जब तक वाहन का इंतजाम करते नर्स ने महिला को स्कूटी में बिठाया और जिला अस्पताल पहुंच गई। वहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए नर्स के खिलाफ FIR दर्ज कराई है।
जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायत कोट, चितकाहीपारा निवासी फूलों बाई (30) को सर्दी-खांसी और बुखार की शिकायत थी। इस पर परिजन उसे लेकर गुरुवार को केतका प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे। वहां पदस्थ नर्स लक्ष्मी सुतवंशी ने उसे इंजेक्शन लगाया। आरोप है कि इंजेक्शन लगाते ही फूलो बाई की हालत बिगड़ने लगी तो नर्स ने परिजनों को झाड़फूंक कराने की सलाह दी। इसके बाद परिजन फूलो बाई को वहां से ले जाने के लिए वाहन का इंतजाम करने निकल गए।
जब परिजन स्वास्थ्य केंद्र लौटे तो पता चला कि नर्स अपने साथ फूलो बाई और उसकी बड़ी बहन को लेकर स्कूटी से गई है। बाद में परिजनों को पता चला कि नर्स दोनों को जिला अस्पताल लेकर गई थी, लेकिन वहां जांच के बाद डॉक्टरों ने फूलो बाई को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों का गुस्सा भड़क गया। उन्होंने नर्स पर गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया।
उपचार के लिए महिला को साथ लेकर गए परिजन रामशंकर राम ने कहा कि नर्स के तीन इंजेक्शन लगाने के बाद फूलो छटपटाने लगी। उसे उल्टियां होने लगी और वह बेसुध हो गई। जब महिला की हालत बिगड़ गई तो नर्स ने उसे झाड़-फूंक कराने के लिए कह दिया। परिजनों ने आरोप लगाया है कि इंजेक्शन लगाने के नाम पर नर्स ने पैसे भी लिए। उधर नर्स लक्ष्मी सुतवंशी ने आरोपों से इंकार किया है।
सूरजपुर सीएमएचओ डॉ. आरएस सिंह ने बताया कि विवाहिता की गलत उपचार से मौत होने की शिकायत मिली है। मामले में एक जांच टीम गठित कर दी गई है। टीम जल्द ही रिपोर्ट पेश करेगी, इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। सीएमएचओ ने बताया कि नर्स ने यह जानकारी दी गई है कि विवाहिता को डेकसोना व पैरासिटामोल का इंजेक्शन लगाया गया था। हालांकि मामले में जांच पूर्ण होने व पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही वस्तुस्थिति स्प्ष्ट हो सकेगी। नर्स इंजेक्शन लगाने के लिए अधिकृत है।
इसके पहले भी सरगुजा जिले में गलत इंजेक्शन लगाए जाने से मौतों का मामला सामने आ चुका है। मार्च माह में लखनपुर में सात साल की एक बालिका को गलत इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी मौत हो गई थी। 4 अगस्त को जशपुर में 22 साल की महिला को गलत इंजेक्शन दिए जाने के बाद उसकी मौत हो गई। 17 अक्टूबर को कुसमी क्षेत्र में दो साल के बच्चे को गलत इंजेक्शन लगा दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के गृह संभाग में ही इस तरह के मामले सामने आने से स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल उठते रहे हैं।