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अयोध्या में श्री राम मंदिर का नक्शा पास, 1 ग्राम लोहे का भी नहीं होगा प्रयोग

यहां बन रहे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का नक्शे को आज पास कर दिया गया। इस नक्शे को अयोध्या विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। नक्शे में 274110 वर्ग मीटर ओपन एरिया और करीब 13000 वर्ग मीटर कवर्ड एरिया पास किया गया है। 13000 वर्ग मीटर कवर्ड एरिया में राम मंदिर बनेगा। यह मंदिर 36 से 40 महीने में बनकर तैयार हो सकता है। जैसा कि पहले ही स्पष्ट है कि मंदिर निर्माण में एक ग्राम लोहे का प्रयोग नहीं होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि मंदिर की आयु कम से कम एक हजार वर्ष होगी। लार्सन एंड टूब्रो कंपनी, आईआईटी के इंजीनियरों की निर्माण कार्य में मदद ली जा रही है।

This is how Bhavya Ram Mandir at Ayodhya will look like. See pictures

ट्रस्ट को विकास शुल्क के साथ-साथ अनुरक्षण शुल्क पर्यवेक्षण व लेबर सेस भी देना होगा, जिसे अभी जोड़ा जा रहा है। लगभग 5 करोड़ रुपए विकास शुल्क व अन्य शुल्क आने की उम्मीद है। इसमें निर्माण पर लगने वाला श्रमिक सेस भी शामिल है। ट्रस्ट की तरफ से जमा की जाने वाली यह शुल्क आयकर छूट के बाद की है। बोर्ड से मानचित्र की मंजूरी के बाद प्राधिकरण शुल्क जमा करने के लिए ट्रस्ट को पत्र जारी करेगा। ट्रस्ट उसी के बाद धनराशि जमा करेगा। धनराशि जमा होने के बाद प्राधिकरण स्वीकृत मानचित्र ट्रस्ट को सौंप देगा।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि मंदिर स्थल से मिले अवशेषों के श्रद्धालु दर्शन कर सके, ऐसी व्यवस्था भी की जा रही है। मंदिर निर्माण में पत्थरों का उपयोग होगा। पत्थरों की आयु के हिसाब से ही मंदिर की एक हजार वर्ष आयु का आकलन किया गया है। निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो ने योग्यतम लोगों को अपने साथ जोड़ा है। अयोध्या विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एमपी अग्रवाल बोर्ड मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दो तरह के नक्शे प्रस्तुत किए। पहला नक्शा लेआउट था जो 2 लाख 74 हजार 110 वर्ग मीटर था। दूसरा श्रीराम मंदिर का नक्शा था, जिसका कुल कवर्ड एरिया 12,879 वर्ग मीटर है। दोनों नक्शों को सर्वसम्मति से पास कर दिए गए हैं। इनका कुल शुल्क जोड़ने के बाद दोनों नक्शे ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा।