तजकिस्तान के दुशांबे में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन के साथ लंबी चर्चा हुई है। इसमें ताजिक, हजारा और उज्बेक्स को शामिल कर एक समावेशी अफगान सरकार के लिए तालिबान के साथ बातचीत शुरू की है।
इमरान खान ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी युद्ध पाकिस्तान के लिए विनाशकारी था। वाशिंगटन ने अफगानिस्तान में अपनी 20 साल की उपस्थिति के दौरान इस्लामाबाद को हमेशा किराए की बंदूक की तरह इस्तेमाल किया।
अफगानिस्तान में अमेरिका का साथ देने की पाकिस्तान ने भारी कीमत चुकाई है। तमाम रिपोर्टों से पता चला है कि इस्लामाबाद ने अफगानिस्तान की घेराबंदी में तालिबान का समर्थन किया था। इमरान खान ने ये भी कहा कि अगर संयुक्त राज्य अमेरिका सकारात्मक रुख रखने या तालिबान के साथ बातचीत करने में विफल रहता है तो अफगानिस्तान में चुनौतियां बढ़ जाएंगी।
इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान इस समय पूरे क्षेत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है क्योंकि देश एक ऐतिहासिक चौराहे पर है। उन्होंने 17 सितंबर को एक रूसी मीडिया आउटलेट के साथ एक साक्षात्कार के दौरान यह टिप्पणी की, जब उनसे अमेरिका के खिलाफ तालिबान को इस्लामाबाद की सहायता के बारे में पूछा गया।