रेलवे की ओर से प्रमुख स्टेशनों पर मुहैया कराई जा रही यात्री सुविधाओं का मुआयना करने के लिए बुधवार को संसदीय स्टैं¨डग कमेटी की टीम पटना जंक्शन पहुंचेगी।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता में 35 सदस्यीय टीम पटना जंक्शन के सभी प्लेटफार्म, यात्री प्रतीक्षालय, स्टेशन परिसर, पार्किंग परिसर, एस्केलेटर, लिफ्ट, सीढ़ी, फुट ओवर ब्रिज, रेलकर्मियों की सुविधा के लिए बनाए गए केन्द्रीय सुपर स्पेशिलियटी अस्पताल, रेलवे कालोनियों का मुआयना करेगी। इस दौरान वह यात्री सुविधाओं के साथ साथ सफाई का निरीक्षण करेगी।
होगा शानदार शॉपिंग कॉम्प्लेक्स.
पूर्व मध्य रेल प्रमुख स्टेशनों के पास की आवासीय कालोनियों की जगह मल्टी स्टोरी आवासीय परिसर व शा¨पग काम्प्लेक्स विकसित करेगा। पटना जंक्शन के दक्षिणी हिस्से में बनी कालोनी के स्थान पर प्रदेश का सबसे बड़ा शा¨पग मॉल सह आवासीय परिसर बनाने का निर्णय लिया गया है। पूर्व मध्य रेल व रेल भूमि विकास अथारिटी (आरएलडीए) के बीच समझौता हो गया है। आरएलडीए ने टेंडर निकाल दिया है, जो भी कंपनी इसे विकसित करने का टेंडर लेगी उसे तीन साल में निर्माण कार्य पूरा करना होगा। 5514.23 वर्गमीटर में तीन व्यावसायिक सह आवासीय कांप्लेक्स बनाए जाएंगे।
दानापुर, समस्तीपुर, दरभंगा, गया और धनबाद में भी बनेगा मॉल :
पटना जंक्शन के बाद दानापुर स्टेशन रेलवे कालोनी, समस्तीपुर, दरभंगा, गया व धनबाद स्टेशन के पास रेलवे कालोनियों को तोड़कर कर्मचारियों के लिए मल्टी स्टोरी बिलिं्डग बनाने की योजना है। शीघ्र ही इन स्टेशनों की जमीन को भी आरएलडीए के हवाले किया जाएगा।
- व्यावसायिक सह आवासीय कांप्लेक्स बनेंगे 5514.23 वर्गमीटर में
- साल के अंदर रेलवे परिसर में निर्माण पूरा करना होगा कंपनी को
- करोड़ तय की गई है इस परिसर को विकसित करने के लिए मिनिमम रकम
- दानापुर, दरभंगा, गया व धनबाद में भी रेलवे की जमीनों पर मॉल
पटना जंक्शन पर बनाए जाने वाले इस हिस्से में अंडर ग्राउंड व ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग की व्यवस्था होगी। पांचवें माले तक शा¨पग कांप्लेक्स बनाया जाएगा। छठे, सातवें व आठवें माले पर मल्टीप्लेक्स व फूड कोर्ट बनाया जाएगा। इसके ऊपर आफिस कांप्लेक्स होगा।
इस टावर में भी ग्राउंड व अंडर ग्राउंड फ्लोर पर वाहन पार्किंग बनाई जाएगी। पहले से लेकर पांचवें माले तक शा¨पग कांप्लेक्स बनाया जाएगा। इसके छठे माले पर आवासीय कांप्लेक्स बनाना होगा। यहां आवासीय व शापिंग सुविधाओं से पूरी तरह लैस होगा।
इस टावर में भी अंडर ग्राउंड व ग्राउंड फ्लोर पर वाहन पार्किंग स्थल होगी। इसके पहले से छठे माले तक आफिस कांप्लेक्स बनाने की योजना है। सातवें से लेकर ग्यारहवें माले तक आवासीय कांप्लेक्स बनाया जाएगा। इस टावर के आगे पार्क बनाया जाएगा।
इस टावर के ग्राउंड व अंडर ग्राउंड फ्लोर पर वाहन पार्किंग की व्यवस्था होगी। पहले से लेकर 11 वें माले तक कर्मचारियों के लिए आवास बनेगा। इस टावर में कुल 59 टाइप टू आवास बनाए जाएंगे। 2 बेड रूम, एक ड्राइंग रूम सह डाउइनिंग हाल, दो वाशरूम, किचन के साथ ही हर फ्लैट में दो-दो बालकनी बनाई जाएगी। इसके लिए 1846.77 वर्गमीटर जमीन आवंटित की गई है।
ग्राउंड फ्लोर की शर्ते
निर्माण कंपनी को जमीन का एक तिहाई हिस्सा व्यावसायिक उपयोग में लाने की छूट होगी। एक चौथाई हिस्से में रेलकर्मियों के लिए आवास बनाकर देना होगा। तीन साल के अंदर निर्माण पूरा करना होगा। इस परिसर को विकसित करने के लिए मिनिमम रकम 47 करोड़ रुपए तय की गई है। यह प्रयोग रेलवे स्टेशन की पारंपरिक छवि को पूरी तरह बदल देगा।
रेलवे अपने कर्मचारियों के जर्जर आवास तोड़कर बहुमंजिली इमारतें पीपीपी मोड में बनाने जा रही है। इसमें रेलवे की कोई राशि खर्च नहीं होगी। पहले चरण में पटना जंक्शन के दक्षिण की ओर बने जर्जर आवासीय परिसर को विकसित करने का निर्णय लिया गया है। हरित भवन के रूप में इसे विकसित किया जाएगा। हर तरह की सुविधाओं से सुसज्जित होगा।