उत्तर प्रदेश के बिकरु हत्याकांड को आज भी कोई भूल नहीं पाया होगा। इस हत्याकांड में गैंगस्टर विकास दूबे के गुंडों ने 8 पुलिस वालों को शहीद कर दिया था। हालांकि बाद में विकास के एनकाउंटर ने प्रदेश की ब्राह्मण राजनीति को ही बदल दिया। मिली जानकारी के अनुसार कई पार्टियां विकास दूबे की पत्नी ऋचा दूबे के संपर्क में है, वो उन्हें अगले वर्ष के शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में मैदान में भी उतारना चाहती है।
शुरू हुई चुनावी राजनीति
विकास दूबे के जानकारों के अनुसार चुनावी राजनीति के माध्यम से ही विकास की पत्नी अपने पति के कारनामों से हुई बदनामी को कम कर सकती हैं। अपने बच्चों को भविष्य भी बना सकती है। सूत्रों की मानें तो कि विकास की पत्नी ने अब तक राजनीति की पारी खेलने के बारे में नहीं सोचा है। ऐसा नहीं है कि उनके पास सियासी तर्जुबा नहीं है, बल्कि वो सपा के टिकट पर जिला पंचायत चुनाव लड़ चुकी हैं। मगर हत्याकांड के बाद से समाजवादी पार्टी ने ऋचा दूबे को लेकर खुलकर कोई बात नहीं की है।
बसपा ने चली सियासी चाल
बसपा भी बिकरु कांड को लेकर सियासी चाल चल रही है। प्रबुद्ध सम्मेलन में पार्टी नेता सतीश मिश्रा ने कहा था कि बिकरु कांड में निर्दोष ब्राह्मणों को भाजपा ने निशाना बनाया। सतीश मिश्रा ने विकास दूबे का नाम नहीं लिया। बता दें कि पिछले वर्ष 2 जुलाई की आधी रात को बिकरु गांव में गैंगस्टर विकास दूबे और उसके गुर्गों ने डीएसपी और एसओ सहित 8 पुलिस वालों को शहीद कर दिया था। पुलिस वालों को दर्जनों गोलियां मारी गई थी, जिसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर 8 दिन के अंदर ही विकास दूबे सहित 6 बदमाशों का एनकाउंटर कर ढेर कर दिया।
केस का ट्रायल जारी
इस वक्त केस में 45 आरोपी जेल में हैं। मामले का ट्रायल जारी है। 2 जुलाई 2020 की रात को चौबेपुर के जादेपुरधस्सा गांव निवासी राहुल तिवारी ने विकास दूबे और उसके साथियों पर हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज कराया था। एफआईआर दर्ज करने के बाद उसी रात लगभग साढे बारह बजे तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेन्द्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बिकरु गांव में छापेमारी की गई। जहां पहले से घात लगाकर बैठे विकास और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। उस समय 8 पुलिस वाले शहीद हो गये।