तालिबान के बढ़ते खतरे के बीच अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास के सभी कर्मचारियों को निकाल लिया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय वायुसेना के विमान ने आज सुबह कर्मचारियों और सभी जरूरी दस्तावेजों को लेकर राजधानी काबुल के एयरपोर्ट से उड़ान भरी. तालिबान के लड़ाकों ने काबुल पर कब्जा कर लया है.
सूत्रों ने जानकारी दी थी कि काबुल में बिगड़ती स्थिति के बीच भारतीय दूतावास ने बीते सोमवार को ही काम बंद कर दिया था. उन्होंने बताया था कि भारतीय स्टाफ के निकलने के बाद दूतावास के काम को स्थानीय अफगान कर्मियों के हाथों सौंप दिया जाएगा. मुल्क में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारतीय वायुसेना का विमान सी-17 ग्लोबमास्टर काबुल पहुंच गया था. हालांकि, गड़बड़ियों के कारण सैन्य और नागरिक ऑपरेशन रुक गए थे.
एक दो दिनों में निकाले जाएंगे भारतीय
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी थी कि भारत लौटना चाह रहे भारतीय सुरक्षित इलाकों में हैं और उन्हें एक या दो दिनों में सुरक्षित वापस लाया जाएगा. वहीं, इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी सूत्रों ने बताया है कि अफगानिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में फंसे करीब 120 भारतीयों को एक-दो दिनों में भारत लाने की तैयारी है.
बीते सोमवार को विदेश मंत्रालय ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि भारत सरकार अफगानिस्तान की स्थिति पर ‘बारीकी से नजर बनाए हुए है’. मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा ता कि बीते कुछ दिनों में काबुल में स्थिति काफी तेजी से खराब हुई है. उन्होंने ट्वीट के जरिए जानकारी दी थी कि मंत्रालय ने अफगानिस्तान से भारत वापसी और दूसरे निवेदनों के लिए विशेष अफगानिस्तान सेल तैयार किया है. साथ ही उन्होंने ई-मेल आईडी और फोन नंबर भी साझा किया था.
विदेश मंत्रालय ने एक बायन जारी कर कहा था कि भारत अफगानिस्तान में छोटे सिख और हिंदू समुदाय की भारत वापसी में मदद करेगा. बागची ने कहा था, ‘हम अफगान सिख और हिंदू समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क में हैं. हम उन लोगों को भारत वापसी की सुविधा देंगे, जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं.’ इससे पहले भी अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास की तरफ से भारतीय नागरिकों के लिए चार एडवाइजरी जारी की जा चुकी थीं.