अडानी समूह की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने करीब 26,000 करोड़ रुपये (3.5 अरब डॉलर) के निवेश से एसबी एनर्जी इंडिया पर पूरा नियंत्रण हासिल कर लिया है. कंपनी ने सोमवार को कहा कि उसने एसबी एनर्जी इंडिया का अधिग्रहण पूरा कर लिया है. अडानी ग्रीन ने एसबी एनर्जी की 100 फीसदी हिस्सेदारी ले ली है. कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा डेवलपर एजीईएल ने एसबी एनर्जी होल्डिंग्स लिमिटेड (एसबी एनर्जी इंडिया) के अधिग्रहण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, जिसके लिए 18 मई, 2021 को निर्णायक समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे.’
सबसे बड़ा अधिग्रहण
इस सौदे के साथ, एसबी एनर्जी इंडिया अब एजीईएल की 100 फीसदी स्वामित्व वाली सब्सिडियरी बन गई है. इससे पहले, यह जापान की सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प और भारती समूह के बीच 80:20 फीसदी के अनुपात में जॉइंट वेंचर थी. यह भारत में रीन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में सबसे बड़ा अधिग्रहण है. कुछ दिनों पहले अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने घोषणा की थी कि समूह अगले 10 वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में 20 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करेगा.
क्या हासिल होगा
इस सौदे के साथ, ही अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड 24.3 गीगावॉट की कुल रिन्यूएबल क्षमता और 4.9 गीगावॉट की परिचालन रिन्यूएबल क्षमता हासिल कर लिया है. यह रीन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भारत की अब तक की सबसे बड़ी डील है. इसके पहले साल 2016 में टाटा पावर की वेलस्पन एनर्जी के साथ हुई करीब 10 हजार करोड़ की डील सबसे बड़ी थी.
अडानी ग्रीन के शेयर में उछाल
इस सौदे की खबर आते ही सोमवार को अडानी ग्रीन के शेयर 1 फीसदी से ज्यादा तेजी के साथ 1179.60 रुपये तक पहुंच गए. इस सौदे के साथ ही एसबी एनर्जी भारतीय बाजार से बाहर हो गई है. एसबी एनर्जी करीब दो साल से अपने पोर्टफोलियो को बेचने पर विचार कर रही थी.