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अगर गर्भधारण में परेशानी आ रही है, तो इन 5 चीजों से मिलेगा समाधान

बांझपन, प्रजनन प्रणाली की एक बीमारी है जिसके कारण किसी महिला के गर्भधारण में विकृति आ जाती है। महिलाओं में बांझपन का सबसे सामान्य कारण मासिक चक्र में गड़बड़ी है। इसके अलावा गर्भ नालियों का बंद होना और जननांग में गड़बड़ी आ जाना भी कारण हो सकता है।

ऐसा नहीं है कि बांझपन केवल महिलाओं के कारण ही होता है। पुरुषों में शुक्राणु का कम होना भी एक कारण हो सकता है। अत्यधिक-तनाव, शराब्, धुम्रपान, बढ़ती उम्र, अधिक या कम वजन, यौन संक्रमित रोग, पोषण की कमी और अत्यधिक शारीरिक-प्रशिक्षण ये कुछ ऐसे कारण है जिसकी वजह से महिलाओं में बांझपन का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि नियमित पौष्टिक आहार लेकर इस समस्या से कुछ हद तक निजात पाया जा सकता है।

दालचीनी

दालचीनी बांझपन से लड़ने में प्रभावशाली सिद्ध हो सकती है। गर्म पानी के एक कप में, दालचीनी पाउडर एक चम्मच मिलाएं। कुछ महीनों के लिए दिन में एक बार इसे पीते रहें। इसके अलावा, अपने अनाज, दलिया, और दही पर भी दालचीनी पाउडर का छिड़काव करके इसे अपने आहार में शामिल करें।

अश्वगंधा

हार्मोनल-संतुलन को बनाए रखने और प्रजनन अंगों के समुचित कार्य-क्षमता को बढ़ाने में मददगार यह जड़ी बूटी बार-बार हुए गर्भपात के कारण, शिथिल-गर्भाशय को समुचित आकर में लाकर उसे स्वस्थ बनाने में मदद करती है। गर्म पानी के एक गिलास में अश्वगंधा चूर्ण का 1 चम्मच मिश्रण बनाकर, दिन में दो बार लें।

संतुलित आहार

प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए आप संतुलित आहार खाएं। एक स्वस्थ, संतुलित आहार स्वास्थ्य की उस दशा या बीमारियों को रोकने में मदद करता है जो बांझपन का कारण हो सकती हैं।

आयुर्वेद

महिला-बांझपन के इलाज में आयुर्वेद एक महत्वपूर्ण कारण बन सकता है। इसके लिए आप कुछ दिन तक धूप में एक बरगद के पेड़ की कोमल जड़ों को सुखाएं। फिर इसका महीन चूरण बनाकर एक बंद डिब्बे में रख लें। एक गिलास दूध में चूरण के 1 से 2 बड़े चम्मच मिलाएं। माहवारी का समय खत्म होने के बाद लगातार तीन-रातों के लिए, खाली पेट इसे एक बार पियें। इसे पीने के बाद एक घंटे के लिए कुछ भी खाने से बचें।

खजूर

खजूर में कई पोषक तत्व होते हैं, जैसे कि विटामिन ए, ई और बी, लोहा और अन्य जरूरी खनिज तत्व जो गर्भ धारण करने के लिए, आपकी क्षमता को बढाने में मदद कर सकते हैं।