भगवान विष्णु ने जब अपने भक्त प्रह्लाद की नरसिंह का अवतार लेकर रक्षा की थी, तब से ही होली का त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही है। होली का पर्व दो दिन मनाया जाता है पहले दिन तो होलिका दहन होता है और दूसरे दिन रंग वाली होली खेली जाती है इस बार होलिका दहन रविवार, 28 मार्च को किया जाएगा।
जिस दिन होलिका दहन होता है उस दिन निम्नलिखित कार्यों को करने से बचना चाहिए वार्ना आप कंगाल हो सकतें हैं:-
1- होलिका दहन के दिन महिलाओं को सिर ढककर ही रहना चाहिए। वे चाहें तो अपने पुत्र की दीर्घायु के लिए इस दिन उपवास भी कर सकती हैं।
2- यदि किसी महिला का सिर्फ एक पुत्र है तो उसे होलिका दहन की अग्नि प्रज्वलित नहीं करनी चाहिए। हालांकि अगर किसी महिला की एक पुत्री और एक पुत्री है तो वो होलिका दहन की अग्नि प्रज्वलित कर सकती है।
3- होलिका दहन के दिन सफेद चीजें खाने से सख्त परहेज करना चाहिए। इस दिन भूलकर भी सफेद चीजों का सेवन न करें सफेद चीजों से नकारात्मक शक्तियां जल्दी आकर्षित हो जाती हैं। इसलिए सफेद मिठाई, खीर, दूध, दही या बताशे आदि का सेवन न करें।
4- होलिका दहन के दिन व्यक्ति को अपने परिवार सहित गेहूं और गुड़ से बनी रोटी खानी चाहिए। इस दिन काले चने का सेवन करने से भगवान शनिदेव की विशेष कृपा मिलती है।
5- होलिका दहन में आम, वट और पीपल की लकड़ी जलाना बेहद अशुभ समझा जाता है। आप गूलर या अरंड के पेड़ की लकड़ी का ही इस्तेमाल करें। इसके अलावा उपले का भी प्रयोग कर सकते हैं।
6- होली के दिन अपनी माता का अपमान करने से आपको जीवन में दरिद्रता का सामना करना पड़ सकता है। इस दिन अपनी माता को उपहार दे सकते हैं।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त- इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया नहीं होगा, जो कि काफी शुभ है। 28 मार्च को शाम 6 बजकर 36 मिनट से रात साढ़े 8 बजे तक बेहद शुभ योग है। वहीं 8 बजकर 3 मिनट से रात साढ़े 9 बजे तक अमृत काल लगेगा।