उत्तर प्रदेश में अपने खोए हुए सियासी जनाधार को वापस लाने के मकसद से सपा प्रमुख अखिलेश यादव मंगलवार को एक बार फिर से रथ यात्र पर निकल रहे हैं. अखिलेश यादव इस यात्रा का आगाज कानपुर से कर रहे हैं और दो दिन में 190 किलोमीटर की यात्रा में चार जिलों का भ्रमण करेंगे. इस यात्रा के जरिए अखिलेश यादव कानपुर-बुंदेलखंड का दौरा करेंगे, जो एक दौर में बसपा का गढ़ माना जाता था, लेकिन अब बीजेपी का दबदबा पूरी तरह से कायम है. ऐसे में कानपुर-बुंदेलखंड इलाके में सपा के लिए बंजर पड़ी राजनीतिक जमीन को अखिलेश क्या सियासी उपजाऊ बना पाएंगे?
मिशन-2022 में जुटे अखिलेश यादव कानपुर के जाजमऊ से रथ यात्रा शुरू करेंगे. इसके बाद रथ पर सवार होकर कानपुर नगर, कानपुर देहात, जालौन और हमीरपुर जिले के विधानसभा क्षेत्रों में जाकर सपा के बिगड़े सियासी समीकरण को दुरुस्त करेंगे. साथ ही अखिलेश रथ यात्रा के जरिए योगी सरकार की खामियों को उजागर करेंगे और बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने का काम करेंगे. दूसरी तरफ, उनकी अपने परंपरागत वोट मस्लिम और पिछड़ों के साथ दलितों को भी साधने रणनीति है.
बीजेपी के मजबूत गढ़ से अखिलेश के अभियान का आगाज
अखिलेश यादव ‘समाजवादी विजय रथ यात्रा’ के पहले चरण में कानपुर-बुंदेलखंड के इलाके में रहेंगे, जो सियासी तौर पर सपा के लिए काफी अहम है. 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी के विजय रथ पर सवार बीजेपी ने सपा, बसपा और कांग्रेस का इस इलाके में पूरी तरह से सफाया कर दिया था और 2022 में भी क्लीन स्वीप कर इतिहास रचने की तैयारी में है. यही वजह है कि अखिलेश ने 2022 के चुनाव अभियान की यात्रा बीजेपी के मजबूत गढ़ माने जाने वाले कानपुर-बुंदलेखंड इलाके से कर रहे हैं.