पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई कार्यकर्ता और समर्थक देशभर में हिंसक प्रदर्शन कर रहा है. वहीं मंगलवार से पाकिस्तान में हो रही हिंसा को रोकने में असफल शहबाज सरकार अजीबोगरीब दावा कर रही है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहायक अत्ता तरार ने दावा किया है कि इस हिंसा में आरएसएस और बीजेपी का हाथ है और इन्होंने भारत से लोग भेजे हैं जो पाकिस्तान में तोड़-फोड़ और आगजनी कर रहे हैं.
अत्ता तरार ने बुधवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में साफ-साफ कहा कि जो लोग तोड़-फोड़ और आगजनी कर रहे हैं, वे भारत से आरएसएस और बीजेपी द्वारा भेजे गए लोग हैं. तरार ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के बाद भारत में जश्न मनाया गया. बीजेपी और आरएसएस ने इसका जश्न मनाया, मिठाइयां बांटी गईं. उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ है वो आरएसएस के कहने पर हुआ है.
इमरान खान की गिरफ्तारी पर भड़की हिंसा
दरअसल पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान को मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के बाहर से गिरफ्तार किए जाने से पूरे देश में अशांति और हिंसक अराजकता फैल गई है.
प्रदर्शनकारियों ने रावलपिंडी में जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) की ओर जाने वाली सड़कों पर टायर जलाए और ईंटें और ब्लॉक फेंके, जबकि अन्य ने जीएचक्यू के मेन गेट पर पत्थर और ईंटें फेंकी. वहीं इस्लामाबाद, लाहौर, कराची, पेशावर और देश भर के अन्य प्रमुख शहरों में पीटीआई समर्थकों ने मुख्य राजमार्गों को बाधित कर दिया.
सेना और सरकार ने रची साजिश
पीटीआई समर्थकों का गुस्सा सेना से जुड़े कार्यालयों और घरों पर ज्यादा निकला. उन्होंने रावलपिंडी में सैन्य-नियंत्रित क्षेत्रों, लाहौर में कोर कमांडर के आवास और अन्य सैन्य-प्रबंधित क्षेत्रों में जीएचक्यू की ओर मार्च करना शुरू किया. समर्थकों का मानना है कि इमरान खान के खिलाफ उन्हें सत्ता से बेदखल करने की सेना ने सत्तारूढ़ पीडीएम (पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट) सरकार के साथ साजिश रची. धीरे-धीरे विरोध और हिंसक होता गया.
इमरान खान को 8 दिन की पुलिस रिमांड
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की और लाहौर में कोर कमांडर के आवास पर भी हमला कर दिया. ईंटों, पत्थरों और डंडों से कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. बता दें कि फिलहाल कोर्ट ने इमरान खान को 8 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. वहीं पीएम शहबाज शरीफ ने भी इमरान के समर्थकों पर हमला करते हुए उनको दहशतगर्द बताया था.