Breaking News

सुरक्षाबलों को मुठभेड़ में मिली बड़ी कामयाबी, सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा- अब तक 7 उग्रवादी हो चुके ढेर

असम-नगालैंड की सीमा के पास सुरक्षाबलों को मुठभेड़ में बड़ी कामयाबी मिली है. उन्होंने पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में रविवार को दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (DNLA) के एक और उग्रवादी को मार गिराया है, जिसके बाद कुल मारे गए उग्रवादियों की संख्या सात हो गई है. यह जानकारी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा (CM Himanta Biswa Sarma) सरमा ने दी है. सरमा ने कहा, ‘कार्बी आंगलोंग में असम पुलिस के साथ मुठभेड़ के दौरान सात डीएनएलए उग्रवादी मारे गए. मौके से तीन एके-47, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया. जानकारी के अनुसार मुठभेड़ के दौरान उग्रवादियों के दो नेता भी घायल हुए हैं.’ असम पुलिस के मुताबिक मारे गए उग्रवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है.


एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पश्चिम कार्बी आंगलोंग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रकाश सोनोवाल के नेतृत्व में पुलिस अधिकारियों और असम राइफल्स के जवानों की टीम ने एक खुफिया सूचना के आधार पर जिले में एक संयुक्त अभियान चलाया. इस दौरान सुरक्षाबलों और उग्रवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में प्रतिबंधित संगठन के सात सदस्य मिचिबैलुंग इलाके में मारे गए. मारे गए उग्रवादियों के पास से चार एके-47 राइफल और गोला-बारूद बरामद किया गया है. उन्होंने बताया कि मिचिबैलुंग में तलाश अभियान अब भी जारी है.

उल्फा (आई) ने अतुल सैकिया को किया रिहा

वहीं, बीते दिन असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की अपील के बाद प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) ने करीब एक महीने पहले अपहरण किए गए ओएनजीसी कर्मचारी रितुल सैकिया को शनिवार को रिहा कर दिया. असम पुलिस मुख्यालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सैकिया का 21 अप्रैल को अपहरण किया गया था. यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (स्वतंत्र) उग्रवादियों ने उन्हें शनिवार सुबह नगालैंड के मोन जिले में लोंगवा गांव में म्यांमा सीमा के पास छोड़ दिया. वह शाम में अपने घर पहुंच गए.

रितुल सैकिया 40 मिनट चले पैदल

असम के नए मुख्यमंत्री सरमा ने ओएनजीसी कर्मचारी की रिहाई का स्वागत किया. वह 18 मई को सैकिया के घर गए थे और उनकी पत्नी और माता-पिता को उन्हें वापस लाने के सरकार के प्रयासों को लेकर आश्वस्त किया था. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रैंक के एक अधिकारी ने बताया कि सैकिया को म्यांमा सीमा क्षेत्र में सुबह करीब सात बजे रिहा किया गया और वह भारतीय राज्य में प्रवेश करने के लिए करीब 40 मिनट तक पैदल चले. सेना और नगालैंड पुलिस सैकिया को मोन पुलिस थाने लेकर गईं. असम पुलिस की एक टीम उन्हें घर वापस लाने के लिए औपचारिकताएं पूरी करने के लिए वहां मौजूद थी. रिहा किए गए ओएनजीसी कर्मचारी सैकिया चुस्त और तंदुरुस्त दिख रहे हैं. उन्हें असम के जोरहाट जिले में टीटाबार स्थित उनके घर छोड़ने से पहले उनकी चिकित्सा जांच की जाएगी.