कम समय अच्छी आमदनी देने वाला कारोबार है खीरे की खेती। खीरे की खेती शुरू करने के लिए एक लाख रुपये की लागत में आठ लाख रुपये की मोटी आमदनी हो सकती है। खीरे के फसल का समय चक्र 60 से 80 दिनों में पूरा होता है, वैसे तो खीरा गर्मी के मौसम में होता है, लेकिन बरसात के मौसम में खीरे की फसल अधिक होती है। खीरे की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। खीरे की खेती के लिए भूमि का पी.एच. 5.5 से 6.8 तक उत्तम माना गया है। खीरे की खेती नदियों-तालाब के किनारे भी की जा सकती है। खीरे की खेती करने वाले उत्तर प्रदेश के किसान दुर्गाप्रसाद लाखों की कमाई कर रहे हैं।
दुर्गाप्रसाद बताते हैं कि खेती में मुनाफा कमाने के लिए अपने खेतों में खीरे की बुआई की और मात्र 4 महीने में 8 लाख रुपए कमाए हैं, इन्होंने अपने खेतों में नीदरलैंड के खीरे कि बुआई की थी। नीदरलैंड से इस प्रजाति के खीरे की बुआई करने वाले पहले किसान है दुर्गाप्रसाद। खास बात यह है कि इस प्रजाति के खीरों में बीज नहीं होते हैं, जिसकी वजह से खीरे कि मांग बड़े-बड़े होटलों और रेस्त्रां में खूब रहती है। दुर्गाप्रसाद उद्यान विभाग से 18 लाख रुपए की सब्सिडी लेकर खेत में ही सेडनेट हाउस बनवाया था, सब्सिडी लेने के बाद भी खुद से 6 लाख रुपए खर्च करने पड़े थे। इसके अलावा उन्होंने नीदरलैंड से 72 हजार रुपए के बीज मंगवाए।
बीज बोने के 4 महीने बाद उन्होंने 8 लाख रुपए के खीरे बेचे। इस खीरे की खासियत कि इसकी कीमत आम खीरों के मुकाबले दो गुनी तक होती है, जहां देसी खीरा 20 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है वहीं नीदरलैंड के बीज वाला यह खीरा 40 से 45 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है, हालांकि, सभी तरह के खीरों की सालभर डिमांड रहती है।