कोरोना का कहर चारों ओर कोहराम मचा रहा है। वाराणसी में भी मरने वालों की संख्या काफी है। पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र ने कोरोना संक्रमित अपनी बड़ी बेटी को खोया है। बेटी की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। अस्पताल में मौत के मामले में जांच कमेटी की ओर से अस्पताल को मिली क्लीन चिट दे दी गयी है। इस रिपोर्ट से पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र आहत हैं। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल कर अस्पताल की लापरवाही से अवगत कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने सीएम योगी से मिलने का समय मांगा है। पंडित छन्नूलाल मिश्र ने सीएम योगी को पत्र लिखा है। मिश्र ने मेल के जरिए सीएम योगी को पत्र भेजा है। इस सम्बन्ध में पंडित छन्नूलाल मिश्र ने बताया सीएम योगी के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलकर अपनी बात रखेंगे। पंडित छन्नूलाल मिश्र से मिलने पहुंचे एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने भी शासन-प्रशासन के ऊपर आरोप लगाते हुए विधान परिषद में सवाल उठाने की बात कही है।
ज्ञात हो कि बीते 29-30 अप्रैल की देर रात पंडित छन्नूलाल मिश्र की बड़ी बेटी संगीता मिश्र की वाराणसी के मैदागिन इलाके में स्थित निजी अस्पताल मेडविन में कोरोना के इलाज के सातवें दिन मौत हो गई। उनके परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया था। इसके बाद परिवार वालों के आरोप के बाद जिलाधिकारी ने सीएमओ की अगुवाई में डॉक्टरों का पैनल गठित करके जांच कमेटी बनाई थी। छन्नूलाल मिश्र के आरोप पर अस्पताल पहले ही सफाई दे चुका है। मेडविन हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर मनमोहन श्याम ने अपने अस्पतालों पर लगे सारे आरोपों को निराधार बताया था।
उन्होंने कहा कि पंडित छन्नूलाल मिश्र की बेटी संगीता मिश्र उनके यहां गंभीर हालत में भर्ती हुई थीं। उस दौरान उनका सेचुरेशन और ब्लड प्रेशर भी कम था। अस्पताल प्रबंधन और डाॅक्टरों का कहना है कि उनकी बेटी को 3-4 दिनों से उल्टियां भी हुई थीं। अस्पताल में भर्ती एक उच्चाधिकारी की पैरवी पर केस क्रिटिकल होने के बावजूद लिया गया। मरीज कोरोना से ग्रसित पहले से ही थीं। जब संगीता मिश्र यहां भर्ती हुईं उसके 9 दिनों पहले से ही वह कोरोना के लक्षणों से ग्रसित थीं।